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भारत में बहुभाषिकता एक स्वाभाविक प्रवृति रही है : गिरीश्वर मिश्र

केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा हिंदी और उसकी बोलियों का अंतर्संबंध विषयक ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा के… Read More

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आई हेट टीयर्स : बॉलीवुड की आँखों में लाए पुष्पा ने आँसू

पुष्पा, नाम सुनकर फ्लावर समझी क्या? फायर है मैं। अब ये फायर किसी और के लिए हो न हो मगर इस बॉलीवुड के लिए जरूर फायर बन गया है। 83 जैसी फ़िल्म भी फ्लॉप हो गई और इससे पहले बड़े… Read More

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कविता : झूठ

हर जगह कई लोग चुपके – चुपके चलते हैं अपना मुँह छिपाते वो धीरे – धीरे चलते हैं वर्ण-जाति-वर्ग की निशा में एक दूसरे को कुचलाते भेद – विभेद, अहं की आड़ में असमर्थ बन बैठे हैं मनुष्य एक दूसरे… Read More

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कविता : पूस की बरसात

देखे थे मैंने सावन-भादों झूमते हर बार, पहली बार पूस की रातों को बरसते देखा था। भादों की चाँदनी में पेड़ तो जगमगाए थे पूस की रातों में जुगनुगों को झुरमुट से झाँकते पहली बार देखा था। पूस की उन… Read More

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नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया द्वारा आठवें विश्व हिंदी दिवस का सफल आयोजन

नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया में विश्व हिन्दी दिवस मनाये जाने का यह अनवरत आठवां साल चल रहा है। 2015 में आप्रवासी हिन्दी साहित्यकार सरन घई (कनाडा), 2017 में रामदेव धुरंधर (मारीशस) तथा 2018 में तेजेंद्र शर्मा (ब्रिटेन) तथा 2019 में… Read More

सूचना : नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया द्वारा विश्व हिंदी दिवस पर आमंत्रण

आप सभी सम्माननीय हिन्दी प्रेमी, कवि साहित्यकार बन्धुओं, नगर के प्रबुद्ध जन, सभा के शुभ चिंतक सम्मानित सदस्य गण से विनम्र अनुरोध है कि दिनांक 10-01-2022 सोमवार को 2 बजे अपराह्न नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया के तुलसी सभागार में प्रति… Read More

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लघुकथा : अब क्या होगा

राजधानी में बरस भर से ज्यादा चला खेती-किसानी के नाम वाला आंदोलन खत्म हुआ तो तंबू-कनात उखड़ने लगे। सड़क खुल गयी तो आस-पास गांव वालों ने चैन की सांस ली। मगर कुछ लोगों की सांस उखड़ने भी लगी थी। नौ… Read More