कविता : मेरे गाँव की धरती

मेरे गाँव की धरती, रूठी-एकांत सी  बैठी है। नित्य होते देख गाँव से शहर को पलायन, कुछ ठगी-ठगी, हैरान-परेशान सी बैठी है। लहलहाती खेतो में, निरस-उदास सी बैठी है। मुस्कुराती खिली कालियो में, बेबस-मुरझाई सी बैठी है। कल-कल नदी की… Read More

हम सब कामयाब हो जाएँगे…

क्लेश बाटेंगें तो, क्लेश ही पाएँगे। गर आनंद बाटेंगें तो, आनंद ही पाएँगे।। जिस दिन इस रहस्यमयी, प्रसंग को जान जाएँगे। उस दिन हम सभी, कामयाब हो जाएँगे !!1!! मिथ्या ज्ञान बाटेंगें तो, अंधकार हीं पाएँगे। गर सत्ज्ञान बाटेंगें तो,… Read More

‘16 सितम्बर’- अपने जन्मदिवस के अवसर पर, कुछ पुरानी/कुछ नई कविताओं के साथ

(१ )  दीपक की तरह खुद जल गये, धुंआ ही नैनों का श्रृंगार बना। खुद जल रौशन हमें किया, बदले में हमसे कुछ भी न लिया !! दिनांक ज्ञात नहीं कब लिखा था ? (वर्ष -२००२ ) (२) मिल रहे… Read More

अपनों के बीच वजूद तलाशती हिंदी

आज हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में पूरा सोशल मीडिया हिंदी के बखान अथवा हिंदी की खामियों से पटा पङा है। हिंदी  दिवस हम प्रतिवर्ष 14 सितंबर मनाते हैं, क्योंकि 14 सितंबर 1949 को हिंदी  को राज-भाषा घोषित किया। यह तारीख… Read More

hindi indian language

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी को मान्यता मिलनी चाहिए ? वोट करें।

एक राष्ट्र, एक भाषा किसी भी देश को एकता के सूत्र में मजबूती से बांधने का काम करती है। वह उस देश के लिए आन, बान और शान होती है। इससे किसी भी देश की सभ्यता और संस्कृति का भी… Read More

नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में हिंदी दिवस और सम्मान समारोह का आयोजन

हिन्दी दिवस समारोहनागरी प्रचारिणी सभा देवरिया में प्रति वर्ष की भांति हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में बुद्धिजीविओं, साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने सहभागिता की।समारोह को मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डॉ. अरुणेश नीरन, विशिष्ट अतिथि… Read More

हिंदी लेखकों और पत्रकारों के साथ घटतौली की अनंत कथा

हिंदी में अजब घटतौली है। कमोवेश हर जगह। क्या प्रकाशक, क्या संपादक, क्या अखबार या पत्रिकाएं। सब के सब एक लेखक नाम के प्राणी को गरीब की जोरु को भौजाई बनाने का सुख लूट रहे हैं। जाने कब से। पहले… Read More

प्यार, स्नेह और दया का पोषक है हिंदी

हिंदी भाषा का 1000 वर्ष का हमारा ये गौरव शाली ईतिहास हमें यह बताता हैं की मेरी जड़े इतनी कमजोर नही हैं की जो भी आएगा मुझे उखाड़ कर फेक सकेगा | बल्कि मुझ मे इतना प्रेम, स्नेह भरा हैं… Read More

ठाकुर खिलवानी : छोटे कदकाँठी का बड़ा अभिनेता

सतना की माटी ने सतना ही नहीं बल्कि देश विदेश में अपने सपूतों को उजागर किया। इस माटी में कई बीज अंकुरित होकर अपने काम के द्वारा इस जग में नाम कर गए, उसी में एक जाना पहचाना नाम था… Read More

अथ श्री चौबे बाबा की यस से नो तक की ‘इंजीनियरिंग कथा’

अथ श्री चौबे बाबा की यस से नो तक की ‘इंजीनियरिंग कथा’ फलां चच्चा को देख ले इंजीनियरिंग किए हैं, आज मौज काट रहा है अगला। कुछ साल का मेहनत है उसके बाद तो जिंदगी मजे में कटेगा। ये घनश्याम… Read More