अच्छे दिन वो जाने कब तक आयेंगे तबतलक हम खाक़ में मिल जायेंगे।। रोशनी पहुंचेगी जब तक इल्म की ये अन्धेरे और भी बढ़ जायेंगे।। वक्त का सूरज भी कितना सुस्त है सालोंं उगने में उसे लग जायेंगें।। सभ्यता ने… Read More
कहानी पाठ एवं परिचर्चा : किराये का मकान
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में कहानीकार महेश सिंह ने अपनी कहानी ‘किराये का मकान’ का पाठ किया तत्पश्चात कहानी पर चर्चा करते हुए प्रसिद्ध एक्टिविस्ट डॉ. चतुरानन ओझा ने कहा कि- कहानी का सुखांत होना आस्वस्ति पैदा करता है। जीवन… Read More
कविता : इंद्रधनुषी रात
इंद्रधनुषी रात थकने सी लगी है। भोर में कोयल कुहकने सी लगी है।। गीत मंगल के सजे तोरण कलश पर तलहथी की छाप उगने सी लगी है।। गंध-मेंहदी ने किया तन-मन सुवासित बाग में बेला चमकने सी लगी है।। छंद… Read More
पुस्तक समीक्षा : प्रेम की ताकत से सामाजिक बदलाव का बिगुल फूंकता उपन्यास ‘नेत्रा’
ढाई आखर का शब्द ‘प्रेम’ विश्व साहित्य में शायद सर्वाधिक चर्चित या कि विवादित रहता आया है। पुराख्यानों से लगायत अधुनातन साहित्य तक काव्य और कथा सर्जना के केन्द्रीय तत्व के रूप में प्रेम को व्यापक स्वीकृति एवं अभिव्यक्ति मिलना… Read More
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में हिंदी दिवस और सम्मान समारोह का आयोजन
हिन्दी दिवस समारोहनागरी प्रचारिणी सभा देवरिया में प्रति वर्ष की भांति हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में बुद्धिजीविओं, साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने सहभागिता की।समारोह को मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डॉ. अरुणेश नीरन, विशिष्ट अतिथि… Read More
हिंदी : संस्कृति एवं अभिव्यक्ति की पहचान
राष्ट्रभाषा, किसी संप्रभु राष्ट्र के अस्मिता, एकता, अभिव्यक्ति एवं संस्कृति की पहचान होती है।सुदृढ़ तथाअखंड भारत कीकल्पना राष्ट्रभाषा हिन्दी के बिना नहीं की जा सकती। भारत की संविधान सभा ने 14सितम्बर 1949 को सम्पूर्ण राष्ट्र के लिये हिन्दी की व्यापक स्वीकार्यता, बहुलवादी… Read More