स्त्री फँसायेगी तुम्हें
जाल में फंसना मत
यही सिखाया गया है
नरक का द्वार जो है
मेनका का काम ही है
आप जैसे तपस्वियों
का तप भंग करना
आप बहक गये तो क्या
इंसान ही तो हैं आखिरभोले भाले लोग….
जिनको प्यार की मीठी बातों में
फंसा लिया चालबाज औरतों ने
देखा मैने तस्वीरों में
जो छपी हैं अखबारों में साफ-साफ
शक्ल से ही मक्कार और अपराधी दिखती औरतें
रात-बिरात मैसेज करे औरत
और द्विअर्थी बातें करें
तो मर्द भला क्या करे
यही तो होता आया है
हमने पढ़ी हैं ऐसी अनगिन कहानियां
आप का नाम और तसवीरें भी खोजीं
लेकिन मिली नहीं कहीं
फिर याद आया, आप सब पीड़ित जो हैं
पत्रकारिता के बुनियादी उसूलों पर कितने खरे हैं हमारे अखबार
एक बार देखने मिल जाती आपकी तस्वीर
तो हम भी तसदीक कर लेते आपकी मासूमियत की
शक्ल देखकर न्याय करना इस दौर की खासियत जो है।

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