कर्म-सिद्धान्त की पृष्ठभूमि

बृहदारण्यक उपनिषद् के अनुसार पुरुष जैसा आचरण करता है वैसा ही होता है। सदाचारी या पापी की व्यवस्था सदाचार एवं पापाचार के अधीन है। पुण्य-कर्म से पुण्य एवं पाप कर्म से पाप कहा जाता है।  जो कर्म करता है वही… Read More

राष्ट्र की पहचान है भाषा

किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी अपनी भाषा से होती है। बहु भाषा-भाषी भारत में हिंदी भाषियों की संख्या सर्वाधिक है। आंकड़ो के मुताबिक देश-दुनिया में 125 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोलते/समझते हैं। स्वाधीनता आंदोलन की सशक्त आवाज़ रही… Read More

हिंदी है हम

हिंदी है हम वतन हिन्दोस्तां हमारा, यह बात बिल्कुल ठीक है। और हिन्दुस्तान में रहकर हिंदी की अनभिज्ञता बात ठीक नहीं है। हिंदी हमारी राजभाषा हो या न हो राष्ट्रभाषा जरूर है। संविधान के भाग -17 तथा अनुच्छेद 343  से … Read More

मूवी रिव्यू : सही जगह वार करती ‘ड्रीम गर्ल’

आयुष्मान खुराना अभिनीत फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ का निर्देशन किया है राज शांडिल्य ने। जो कपिल शर्मा के लिए कई शो लिख चुके हैं। कपिल की शो की सफलता का आंकलन करते समय राज ने संभवत: इस बात पर भी विचार… Read More

हिंदी है तो सब मुमकिन है : प्रो. रमा

मैम सबसे पहले तो आपको हिंदी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ …! प्रश्न: बतौर हिंदी शिक्षिका हिंदी दिवस को आप किस रूप में देखती हैं? प्रो. रमा: हिंदी दिवस की आप सबको भी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। बतौर हिंदी शिक्षिका अगर मुझसे पूछा… Read More

हिंदी हमारी मातृभाषा

हिंदी के प्रचार में, हिंदी के प्रसार में।उठा रहे हैं जो कदम, उनको है मेरा नमन।।मिलकर करें सम्मान हम, मिलकर करें आव्हान हम।मिलकर सजाएँ हिंदी चमन, हिंदी को मेरा नमन।।भाषा, विचारों के आदान प्रदान का सुलभ माध्यम होने के साथ… Read More

नागरी प्र. सभा, देवरिया में सम्मान समारोह एवं लोकार्पण कार्यक्रम

सत्ता से टकराने का साहस देता है साहित्य : प्रो. चितरंजन मिश्र*अमृत पर्व नागरी सम्मान व पतहर पत्रिका का औपचारिक लोकार्पण कार्यक्रम*देवरिया। कोई भी सत्ता कितनी ही ताकतवर क्यों ना हो वह साहित्य से ताकतवर नहीं हो सकती। इंजीनियर सड़क… Read More

लद्दाख में हिंदी

इसी सितंबर के शुरू में हिंदी-कश्मीरी संगम के बैनर तले बीस से अधिक लेखक लद्दाख के लेह नगर में जमा हुए। चार दिन के कार्यक्रम में पहले दो दिन साहित्य पर खुली बातचीत के लिए थे और बाद के दो… Read More

कर्तव्य बोध का दिन : 14 सितंबर

कहने को तो हिंदी हमारी भाषा है और इसके लिए ही हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949  को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया गया था कि हिन्दी ही भारत की… Read More

हिंदी : संस्कृति एवं अभिव्यक्ति की पहचान

राष्ट्रभाषा, किसी संप्रभु राष्ट्र के अस्मिता, एकता, अभिव्यक्ति एवं संस्कृति की पहचान होती है।सुदृढ़ तथाअखंड भारत कीकल्पना राष्ट्रभाषा हिन्दी के बिना नहीं की जा सकती। भारत की संविधान सभा ने 14सितम्बर 1949 को सम्पूर्ण राष्ट्र के लिये हिन्दी की व्यापक स्वीकार्यता, बहुलवादी… Read More