कर्म-सिद्धान्त की पृष्ठभूमि

बृहदारण्यक उपनिषद् के अनुसार पुरुष जैसा आचरण करता है वैसा ही होता है। सदाचारी या पापी की व्यवस्था सदाचार एवं पापाचार के अधीन है। पुण्य-कर्म से पुण्य एवं पाप कर्म से पाप कहा जाता है।  जो कर्म करता है वही… Read More