कविता : यह हनी ट्रैप है

स्त्री फँसायेगी तुम्हें जाल में फंसना मत यही सिखाया गया है नरक का द्वार जो है मेनका का काम ही है आप जैसे तपस्वियों का तप भंग करना आप बहक गये तो क्या इंसान ही तो हैं आखिरभोले भाले लोग….… Read More

सफलता की उड़ान : डॉ. सिवन

अगर आपके अंदर प्रतिभा है। तो फिर आप जरूर ही सफल होंगे। फिर चाहे परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हो। वह आपको सफलता की उड़ान भरने से कभी नहीं रोक सकती। और आज की पोस्ट एक ऐसे ही इंसान… Read More

राष्ट्र सर्वोपरि की भावना का पोषक कवि : ‘रामधारी सिंह ‘दिनकर’

हिंदी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना और संस्कृति के संवाहक लेखकों और कवियों की परंपरा में ‘रामधारी सिंह दिनकर’ का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। आज इस महान विभूति का जन्मदिवस (23 सितंबर 1908- 24 अप्रैल 1974) है।… Read More

पुस्तक समीक्षा : प्रेम की ताकत से सामाजिक बदलाव का बिगुल फूंकता उपन्यास ‘नेत्रा’

ढाई आखर का शब्द ‘प्रेम’ विश्व साहित्य में शायद सर्वाधिक चर्चित या कि विवादित रहता आया है। पुराख्यानों से लगायत अधुनातन साहित्य तक काव्य और कथा सर्जना के केन्द्रीय तत्व के रूप  में प्रेम को व्यापक स्वीकृति एवं अभिव्यक्ति मिलना… Read More

मीडिया और लोकतंत्र पर संगोष्ठी लक्ष्मीबाई कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में

लक्ष्मीबाई कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में बीते 18-19 सितंबर को ‘मीडिया और लोकतंत्र‘ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो.कैलाश नारायण तिवारी, मुख्य अतिथि सांसद मनोज तिवारी, वक्ता के रूप दक्षिण भारत… Read More

राजकीय महाविद्यालय, बदायूँ में भाषण प्रतियोगिता

22.09.2019 को तुलसी साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था बदायूँ के तत्वावधान में राजकीय महाविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आमोद मिश्रा की अध्यक्षता एवं देख रेख में संपन्न हुई। मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता हरिप्रताप… Read More

‘जिउतिया’

भोरे भोरे माई पीठ थपथपा के कहली। ए बाबू उठ हो सरगहि के बेरा हो गईल बा। हम चिहा के उठनी त थरिया में दही चिउरा रखल रहे। माई कहली ल परसादी खा लअ। हम कहनी रुकअ दतुवन क के… Read More

क्या कहते हैं बदायूं के साहित्यकार हिंदी दिवस पर

 14 सितंबर से हिंदी पखवाड़ा दिवस शुरू हुआ है तो बदायूं के सभी साहित्यकारो ने एक मत होकर कहा  कि आज के दिन ही भारतीय संविधान सभा द्वारा हिंदी को राज्य की भाषा के रूप में स्वीकार किया गया वरन्… Read More

मेरी बेटी, मेरी जान

मेरी बेटी, मेरी जान ! तुम सर्दी में इतनी सुंदर क्यों हो जाती हो मेरी बेटी गोल-मटोल स्कार्फ बांध कर नन्हीलाल चुन्नी जैसी नटखट क्यों बन जाती हो मेरी बेटी मेरी बेटी, मेरी जान, मेरी भगवान, मेरी परी, मेरी आन,… Read More

सोनाक्षी सिन्हा ही क्यों ?

यू ट्यूब पर जाइए हजारों वीडियो मिल जाएंगे जहां लोग वैलेनटाईन डे का इतिहास बता दे रहे हैं मगर उन्हें 26 जनवरी गणतंत्रत दिवस और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस में फर्क नहीं पता। यहां तक कि ये भी नहीं पता… Read More