कविता : इंद्रधनुषी रात

इंद्रधनुषी रात थकने सी लगी है। भोर में कोयल कुहकने सी लगी है।। गीत मंगल के सजे तोरण कलश पर तलहथी की छाप उगने सी लगी  है।। गंध-मेंहदी ने किया तन-मन सुवासित बाग में  बेला चमकने सी लगी है।। छंद… Read More

कहानी : आग

गाँव के एक घर में आग लग गई थी, वहीं गाँव के मंदिर में लोग नारियल फोड़ रहे थे। जिस घर में आग लगी थी उस घर का लड़का एक रात किसी दूसरे गाँव की लड़की के साथ उस मंदिर… Read More

पुस्तक समीक्षा : भूख परोसती है अनुपमा गाँगुली का चौथा प्यार

हिंदी साहित्य में नई वाली हिंदी के नाम से मुकाम बना रहे आज के लेखकों में प्रेम सबसे महत्वपूर्ण और केन्द्रीय बिंदु बनकर उभरा है। लेकिन अभी तक मुझे उस तरह के प्रेम में डूबे कहानी के नायक या नायिकाएँ… Read More

पुस्तक समीक्षा : विज्ञप्ति भर बारिश में समय के संक्रमण से जूझती कविता

हिन्दी साहित्य आदिकाल से लेकर आज तक के दो हज़ार वर्ष से भी अधिक का एक दीर्घकालिक समयांतराल पार कर चुका है। इस दौरान इसमें कई आंदोलन हुए, कई विचारधाराओं ने जन्म लिया तथा अपनी साँसें स्वर्णिम इतिहास के रूप… Read More

मूवी रिव्यू : #यारम

अदालतों द्वारा सरकारी योजनाओं, पहलों और ऐतिहासिक निर्णयों पर बनाई जा रही बॉलीवुड फिल्में अब एक चलन में नहीं हैं, जो आपको खड़ा होने पर मजबूर करती हैं और नोटिस करती हैं।  निर्देशक ओवैस खान की यारम में, हमारे पास… Read More

कविता : जीवन ही पूरा महक जाय जब साथ हो सच्चा मित्र

कुछ पल के लिये कपड़ों को महका देती है इत्र पर जीवन ही पूरा महक जाय जब साथ हो सच्चा मित्र बसा हो कैसा मन में हमारे गलत भाव या दोष भले कभी भी दिखा दे हम उस पर अपना… Read More

कविता : शान्त का श्रेष्ठ प्रदर्शन

उपकार करो निश्छल हो जग में फिर भी डरना पड़ता है इंसानी बस्ती में इंसानों को,इंसानों से डरना पड़ता है दूध पिलाओ,चमर हिलाओ, सर्वस्व थमा दो तुम उसको फिर भी गर काटे दौड़े तो, फन एड़ी से रगड़ना पड़ता है… Read More

करवाचौथ : प्रेम का फिक्स डिपॉजिट

वे दोनों आश्वस्त हैं उनके प्रेम का जुनून उनके साथ जुड़ा है ऐसी निश्चिंतता बहुत सुंदर होती है लेकिन अनिश्चितता की सुंदरता भी कम नहीं होती है जिसे आप प्रेमिका कह सकते हैं .. चूंकि वे पहले कभी नहीं मिले… Read More

हिंदी फिल्मों की ‘काली’ : स्मिता पाटिल

फिल्म ‘नमक हलाल’ में स्मिता पाटिल और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया बारिश-गीत ‘आज रपट जाए तो’ आज भी दर्शकों के जेहन में ताजा है । समांतर फिल्म की संवेदनशील नायिका को इस तरह से बारिश में भीगते हुए सुपरस्टार… Read More

गाँधी : स्त्री-विमर्श के पैरोकार

मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसी शख्सियत है जो किसी परिचय के मोहताज नहीं, बल्कि देश – विदेश  में भारतीयों का परिचय इनके नाम से किया जाता है। कितने ही वाकया हैं जिसमें देश से विदेश गए लोगों से विदेशी यह… Read More