कुछ पल के लिये कपड़ों को
महका देती है इत्र
पर जीवन ही पूरा महक जाय
जब साथ हो सच्चा मित्र
बसा हो कैसा मन में हमारे
गलत भाव या दोष
भले कभी भी दिखा दे हम
उस पर अपना रोष
निकाल करे बाहर सब दुर्गुण
कर दे पावन चरित्र
जीवन ही पूरा महक जाय
जब साथ हो सच्चा मित्र
सुख हो या हो दुख जीवन में
साथ निभाये हरदम
ये भी ऐसा बन्धन जिसमें
प्यार न होता कम
जीवन के हर पहलू का
वो सामने रखता चित्र
इसीलिए महकता जीवन
जब साथ हो सच्चा मित्र।।

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