एक प्रोफेसर है उम्र तीस बरस सब कुछ ठीक है। नही है तो सिर पर बाल। इस वजह से वह 30 का होकर भी 40-50 का अंकल टाइप लगता है। ऐसे उजड़े चमन इस दुनिया में बहुत से हैं। लेकिन… Read More

एक प्रोफेसर है उम्र तीस बरस सब कुछ ठीक है। नही है तो सिर पर बाल। इस वजह से वह 30 का होकर भी 40-50 का अंकल टाइप लगता है। ऐसे उजड़े चमन इस दुनिया में बहुत से हैं। लेकिन… Read More
जय हिन्द जय अखण्ड भारत देश मेरा आजाद हुआ जब रियासत रजवाड़ों में बिखरा था पटेल जी के अथक प्रयासों से तब एकीकृत हो निखरा था पाँच सौ बासठ रियासतों को नायक ने एक एक जोड़ लिया जूनागढ़ के संग… Read More
कभी अपनो ने लूटा कभी गैरो ने लूटा। पर में लुटता ही रहा। इस सभ्य समाज में।। किससे लगाएँ हम गुहार, जो मेरा दर्द समझ सके। मेरे ज़ख़्मों पर, मलहम लगा सके। और अपनी इंसानियत, को दिखा सके। और मुझे… Read More
आस्था से बढ़ कर कुछ भी नहीं। जिसकी जिसमें आस्था उसे वहीं से सब कुछ मिलता है। धन्ने जट्ट ने इसी आस्था के बल पर काले पत्थर में से भगवान को प्रकट हो कर सूखी रोटियां खाने पर मजबूर कर… Read More
चलो उस ओर, जहां सूरज निकलता है। पंख फैलाएँ, बिना रुके, बिना ठहरे। चलो उस ओर, जहां ऊर्जा-प्रकाश मिलता है। उम्मीद की किरणों से, हमारा मन प्रभावित होगा। ऊर्जा रूपी प्रकाश से, हमारा चेतन प्रकाशित होगा। प्रतिपल बढ़ता हमारा कदम,… Read More
अंधेरा भाग जाएगा हमी रास्ते तलाशेंगे “उजाले के लिए मिट्टी के फिर दीये तलाशेंगे” बुरे लोगों की है बस्ती मगर विश्वास है हमको मिलेंगे लोग अच्छे हम अगर अच्छे तलाशेंगे चलो चलते चलो एक दिन ज़माना साथ आएगा अभी जो… Read More
ये लड़ाई इतनी आसान नहीं, बहुत ही कठिन है। है जितनी मुश्किल ये राहें, मंजिल पाना उतना ही जटिल है। मद्धिम-मद्धिम क्षीण हो रही मेरे भीतर की प्रबल इच्छा-शक्ति, हे! नाथ! मेरे भीतर की आत्मशक्ति जगाओ। जो है मुझमें पाने… Read More
आस्था के महापर्व #छठ से जुड़ी हुई अपनी यादों को हमसे अपनी रचनाओं के माध्यम से साझा करें। जिसे साहित्य सिनेमा सेतु के वेबपोर्टल पर प्रकाशित किया जाएगा। www.sahityacinemasetu.com ईमेल : sahityacinemasetu@gmail.com अंतिम तिथि : 01.11.19 लेखकों/रचनाकारों हेतु:- अपना नाम… Read More
बैल-दीवाली, बिन बैल है खाली, आओ मनाएं हम सूनी दीवाली । कोना भी सूना है,आँगन भी रूना है, माँ और बेटे की हर बात है खाली । कृषक-भाई (बैल ) ठोकर ही खाए है, कृषक के लिये है कहाँ खुशहाली… Read More
जब से इस देश में सनी लियोनी टाइप्ड विदेशी पटाखा क्या आया है तब से न जाने क्यों घर के पटाखे सीलन भरे ही नज़र आने लगे हैं । अब तो माहौल ही ऐसा है कि अपने घर का बम… Read More