चलो उस ओर,
जहां सूरज निकलता है।
पंख फैलाएँ,
बिना रुके,
बिना ठहरे।
चलो उस ओर,
जहां ऊर्जा-प्रकाश मिलता है।
उम्मीद की किरणों से,
हमारा मन प्रभावित होगा।
ऊर्जा रूपी प्रकाश से,
हमारा चेतन प्रकाशित होगा।
प्रतिपल बढ़ता हमारा कदम,
हमारे पंखों को हौसलों से भर देगा।
वो पल दूर न होगा,
जब हमारे ये नन्हें पंख,
अविश्वसनीय
इतिहास को रच देगा।