गीत : अकेला जा रहा हूँ

हाथ से छिटले हुये  रिश्ते नहीं झुठला रहा हूँ, वक़्त की सीढ़ी बड़ी बोझिल, जरा घबरा रहा हूँ। कुछ हैं अच्छे लोग, कुछ हैं ऐसे लोग जिनको, और अपना मानता था, खैर! धोख़े खा रहा हूँ । हाँ किसी जन्नत… Read More

कविता : कल को आज में जीओ

जो लोग कल में, आज को ढूंढते है। और खुद कल में जीते है, वो बड़े बदनसीब होते है। क्योंकि कल जिंदगी में, कभी आता ही नही। इसलिए में कहता हूं, की आज में जीकर देखो। जिंदगी होती है क्या,… Read More

कहानी पाठ एवं परिचर्चा : किराये का मकान

नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में कहानीकार महेश सिंह ने अपनी कहानी ‘किराये का मकान’ का पाठ किया तत्पश्चात कहानी पर चर्चा करते हुए प्रसिद्ध एक्टिविस्ट डॉ. चतुरानन ओझा ने कहा कि- कहानी का सुखांत होना आस्वस्ति पैदा करता है। जीवन… Read More

आशीष कंधवे को मिला रामवृक्ष बेनीपुरी पत्रकारिता सम्मान 2019

नमस्कार मित्रों, अत्यंत विनम्रता के साथ यह सूचित करना चाहता हूँ कि आर्यावर्त साहित्य-संस्कृति संस्थान, नई दिल्ली के द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं भव्य सम्मान समारोह का आयोजन आज 3 नवंबर, 2019 को साहित्य अकादमी के सभागार, नई दिल्ली में… Read More

गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर अपने विचार हमसे साझा करें

गुरु नानक जयंती से जुड़ी हुई अपनी यादों को हमसे अपनी रचनाओं के माध्यम से साझा करें। जिसे साहित्य सिनेमा सेतु के वेबपोर्टल पर प्रकाशित किया जाएगा। www.sahityacinemasetu.com ईमेल : sahityacinemasetu@gmail.com अंतिम तिथि : 11.11.19 लेखकों/रचनाकारों हेतु:- अपना नाम हिन्दी… Read More

उस बहती नदी को समीप से देखा

आज मैंने उस बहती नदी को समीप से देखा जो हर रोज पड़ती है मेरे अध्व में…… मैं गुजर जाती हूं अपने जीवन की सूझ बूझ में उलझी उलझी….. मगर शायद आज नियति में था उससे मिलना वो वैसी बिल्कुल… Read More

कविता : ये धान के पकने का सुन्दरतम मौसम है

ये धान के पकने का सुन्दरतम मौसम है इस मौसम में हल्की-फुल्की,  कुछ ठण्डी-ठण्डी हवा-बतास बहेंगी धान के सोने जैसे बालियों में धीरे-धीरे कोटि-कोटि दूधदार चावल आएँगे मिट्टी की सुकोमलता पाकर सूरज की किरणों से नई-नई शक्ति मिलकर धीमी आँच… Read More

शारदा सिन्हा की राह पर मैथिली ठाकुर

इस चित्र को जल्दबाजी में तुलना मत समझ लीजियेगा। सालों बाद फिजां में सुरों की नई बयार चली है। जिसका जिक्र और स्वागत जरूरी है। तकरीबन चालीस साल से बिहार ही नहीं बल्कि देश, दुनिया में शारदा सिन्हा के सुर… Read More

बाजार की जद में है प्रकृति उपासना का पर्व छठ

उत्तर भारत में प्रकृति की उपासना का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा को माना जा सकता है। दीपावली के बाद यदि किसी पर्व में उत्तर भारतीयों का उत्साह बना रहता है तो वह छठ पूजा ही है। कहने के लिए… Read More

खरना का प्रसाद

अभी थोड़ी देर पहले पटना उतरा। उतरते कुछ दूर पैदल चलते एक टैम्पू को हाथ दे रोका। फिर 300 सौ से बात शुरु हो, एतना नही, तब छोड़ीये, भक्क नही, जाईए, नहीं होगा, नय सकेंगे की जिरह करते करते 130… Read More