वक्त के अंधेरे में वेवक्त ही मुलाक़ात हो जाये। दोस्ती न सही दुश्मनी की ही बात हो जाये। फिर से दोहरा लेते भूली – बिसरी यादों को, गुलो में गुलबहार न सही काँटा बबूल हो जायें, बात न करना तुम… Read More

वक्त के अंधेरे में वेवक्त ही मुलाक़ात हो जाये। दोस्ती न सही दुश्मनी की ही बात हो जाये। फिर से दोहरा लेते भूली – बिसरी यादों को, गुलो में गुलबहार न सही काँटा बबूल हो जायें, बात न करना तुम… Read More
फ़िल्म – पानीपत कास्ट: अर्जुन कपूर, संजय दत्त, कृति सनोन, मोहनीश बहल, पद्मिनी कोल्हापुरे, जीनत अमान, कुणाल कपूर, नवाब शाह, सुहासिनी मुले निर्देशक: आशुतोष गोवारीकर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत ने पिछले साल जब भारत में मुस्लिम विरोधी भावना… Read More
मुक्ति भवन (Hotel Salvation) निर्देशक – सुभाशीष भटियानी कलाकार – आदिल हुसैन, ललित बहल, आदिल हुसैन एवम ललित बहल द्वारा अभिनीत इस फ़िल्म में पिता , पुत्र के संबंध एवं भारत में अंतिम समय आने पर किस तरह बुजुर्ग लोग… Read More
10 एपिसोड्स, साढ़े सात घण्टे की महाभारत। बाँध कर रखने में सक्षम, मनोज बाजपई और टीम का सशक्त अभिनय और दमदार पटकथा। परन्तु एडिटिंग में काफी खामियां है, पहले दो एपिसोड्स बेहद धीमे लगे, हालाँकि कहानी को कहने के लिए… Read More
हूं खुशकिस्मत अध्यापक हूं , हैं कार्यक्षेत्र मेरा अध्यापन। ज्ञान की अलख जगाने को ही, है मेरा सब समराथन । अज्ञान लोक यह जीवन है, इसमें अंधियारा रचा बसा। है परमपिता का परमाशीष, जो उससे लड़ने मुझे चुना। आदर्श बनाकर… Read More
गीत लिखते हो तुम, गीत गाता हूँ में। सुन कर मेरा गीत, मुस्कराते हो तुम। मेरे धड़कनो में, बस गए हो तुम। दिल मेरा अब, मेरे बस में बिल्कुल नही। कैसे तुम को बताऊं, हा ले इस दिल का। चोट… Read More
फ़ांका मस्ती ही हम गरीबों की विमल देखभाल करती है एक सर्कस लगा है भारत में जिसमें कुर्सी कमाल करती है “। उस्ताद शायर सुरेंद्र विमल ने जब ये पंक्तियां कहीं थी तब उन्होंने शायद ये अंदाज़ा लगा लिया था… Read More
फिल्म: कमांडो 3 स्टार कास्ट : विद्युत जामवाल, अदा शर्मा, अंगिरा धर, राजेश तैलंग, सुमित ठाकुर और गुलशन देवैया डायरेक्टर : आदित्य दत्त प्रोड्यूसर : विपुल अमृतलाल शाह ड्यूरेशन : 2 घंटे, 13 मिनट फिल्म कमांडो 3 पुराने बॉलीवुडिया देशभक्ति… Read More
इतनी शक्ति हमें देना माता। मनका विश्वास कमजोर हो न। हम चले धर्म के पथ पर, भूलकर भी कोई भूल हो न। इतनी शक्ति…।। दूर अज्ञान के हो अंधेरे। तुम हमें ज्ञान की रोशनी दो। हर बुराई से बचे रहे… Read More
मरहूम शायर नज़ीर अकबराबादी के जीवन पर आधारित यह नाटक बहुत ही सुंदर एवं सुव्यवस्थित ढंग से लिखा गया है, जिसे लिखा है वरिष्ठ रंगकर्मी एवं कवियित्री बिशना चौहान मैम ने। एक सफल नाटक वही कहलाता है जिसे इस प्रकार… Read More