इतनी शक्ति हमें देना माता।
मनका विश्वास कमजोर हो न।
हम चले धर्म के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल हो न।
इतनी शक्ति…।।
दूर अज्ञान के हो अंधेरे।
तुम हमें ज्ञान की रोशनी दो।
हर बुराई से बचे रहे हम।
जितनी भी हो खुशी हमें दो।
भेद भाव करे न किसी से,
आत्मा मेरी शुध्द तुम कर दो।
हम चले धर्म के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल न हो।
इतनी शक्ति…।।
हम सोचे हमें क्या मिला है।
हम सोचे करे क्या हम अर्पण।
मनमें श्रध्दा के भाव रखे हम।
पूरी निष्ठा से कार्य करे हम ।
दीन दुखियों की सेवा करे हम।
ऐसी भावना मेरी बना दो।
हम चले धर्म के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल हो न।
इतनी शक्ति हमें…।
ज्योत मन में धर्म की जगा दो।
सेवा भाव दिलों में बढ़ा दो ।
हिल मिलकर रहे हम सभी जन।
नफरत ईर्ष्या के भाव मिटा दो।
एक नये राष्ट्र निर्माण की,
माता तुम शुरुआत करा दो।
हमें चले धर्म के पथ पर,
भूलकर भी कोई भूल न हो।
इतनी शक्ति हमें…।।