10 एपिसोड्स, साढ़े सात घण्टे की महाभारत।
बाँध कर रखने में सक्षम, मनोज बाजपई और टीम का सशक्त अभिनय और दमदार पटकथा। परन्तु एडिटिंग में काफी खामियां है, पहले दो एपिसोड्स बेहद धीमे लगे, हालाँकि कहानी को कहने के लिए वे सही बनाये गए हैं। परन्तु नाटकीयता नदारद है इसलिए फ़िल्म समझ कर मत देखियेगा। वास्तविकता से भरपूर्ण है , कहीं कहीं वास्तविकता की अति की गई है जो उबाऊ है । अश्लीलता से कोसो दूर बेहतरीन वेब सीरीज है। यह राजनैतिक महत्वाकांक्षा, पैसा , पावर की लालच में आकर तथाकथित जिम्मेदार लोगों द्वारा जो कुकर्म किये जाते हैं उनकी पोल खोल कर रख देनी वाली वेब सीरीज है। हालाँकि सस्पेंस उतना प्रभावित नही करता जितना सेक्रेड गेम्स जैसी वेब सीरीज में था 9वां और 10 वां एपिसोड शो की जान है यह पूरी वेब सीरीज उन्ही दो एपिसोड्स पर टिकी हुई है। पर इसका मतलब यह बिल्कुल भी नही है कि हमे इसकी तुलना सेक्रेड गेम्स से करना चाहिए वह अपने आप में अलग वेब सीरीज थी।
यह अलग किस्म की वेब सीरीज है। राजनीतिक रोटी सेंकने वालों को यह वेब सीरीज व्यथित कर सकती है , हो सकता है कि वे इसकी आलोचना भी करें पर फिल्म उन हर मुद्दों की महीन चीर फाड़ करती है को हम सभी को आए दिनों न्यूज चैनलों , अखबारों या मैग्जीन्स आदि में पढ़ने को मिलते हैं। वह भी वास्तविक आधार पर जिसमे ना कोई फिल्मीयता है ना ही नाटकीयता।
अंत में इतना ही कहना उचित रहेगा। द फैमली मैन जरूर देखिये क्योंकि ऐसा कंटेंट बमुश्किल ही देखने को मिलता है।