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कहानी : एक डायरी के खामोश पन्ने

सुबह के चार बज गये है।रात से मूसलाधार बारिश हो रही है।कपड़े उठाना भूल गयी थी ।सारे भीगे हुए है। राइटिंग टेबल पर बैठी हूँ।तुम गहन निंद्रा में सोये हो,कितने मासूम लग रहे हो।पास ही अवि भी सोया है।वह नींद… Read More

Masoom mohabbat

लघुकथा : मासूम मोहब्बत

शहर में रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी।सुबह भी थमने का नाम न ले रही थी। उसने बैचेनी से घड़ी की तरफ देखा।सुबह की सैर का वक्त हो गया था।उसे पता था वो छत पर खड़ी उसयुवक बारहवीं… Read More

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कहानी : चौपाल

मां बाबा आज भी चौपाल पे ही पंचायत का फैसला सुनाने चले गये। मैं बोली भी थी बाबा आज कहीं न जाना मुझे मेला देखने जाना है खीज़ के ये सब एक ही सांस मे सरिता अपनी मां से बोली… Read More

Topper Divyanshi Jain

कहानी परसेन्टेज की

एक परीक्षार्थी को प्रत्येक विषय मे फुल मार्क्स कैसे मिल सकते हैं? सवाल बहुत बड़ा है, सवाल जायज है और इस सवाल के लिए हमें भला बुरा भी कहा जा सकता है लेकिन सवाल है तो है और सवाल हमेंशा… Read More

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कहानी : प्यारे गुरू

एक पतली सी छड़ी के सहारे पैरों को ज़मीन पर घिसट कर चलते हुए प्यारेलाल जैसे तैसे अपनी खटिया तक पहुंचे ही थे कि किसी ने दरवाज़ा खटखटा दिया । अरे कौन कम्बख्त होगा इस भरी दोपहरी में । अपने… Read More

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कहानी : बेटा बेचबा

“तुम्हारा अहसान रहेगा हमपर भोला ।” सामने सोफे पर बैठे शख्स से एक नवजात बच्चे को गोद में लेते हुए वो महिला बोली । इस पर भोला कुछ बोलना तो चाहता था लेकिन बोल उसके गले में ही अटक कर… Read More

कहानी : ख़ैराती जयचंद

पाठक टोली और शर्मा टोली में पिछले महीने वर्चस्व को लेकर जमकर मारपीट हो गई थी। मारपीट की घटना में पाठक टोली के दो और शर्मा टोली के आठ लोग घायल हुए थे। शर्मा टोली के ज़्यादा लोग घायल हुए… Read More

कहानी : साँप

शाम के सात बज रहे थे। पटना के ईकलॉजिकल पार्क में अविनाश अपनी गर्लफ़्रेंड अनामिका की गोद में सिर रखकर लेटा हुआ था और अनामिका उसके घुंघराले बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। तभी अविनाश के मोबाइल फोन का… Read More

लघुकथा : सफलता

सन् दो हज़ार अठारह में प्रशासनिक सेवा हेतु बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के अंतिम चरण का परिणाम आया था। मनीषा को सफलता प्राप्त हुई थी लेकिन मानव कुछ अंकों से असफल हो गया था। मनीषा और मानव… Read More

कहानी : धक्का

“और इस तरह आज फिर से एक मजदूर ने बिना अपने घर की दहलीज छूए रास्ते में ही दम तोड़ दिया । इन मजदूरों की मौत का जिम्मेदार कौन? ये कोरोना वायरस, ये गरीबी, या फिर हमारी ये असंवेदनशील सरकार… Read More