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कहानी : चल, भाग यहाँ से

“चल, भाग यहां से “ जैसे ही उसने सुना ,वो अपनी जगह से थोड़ी दूर खिसक गयी।वहीं से उसने इस बात पर गौर किया कि भंडारा खत्म हो चुका था। बचा -खुचा सामान भंडार गृह में रखा जा चुका था… Read More

nepotisam

कहानी : नेपोकिडनी

अचानक फेसबुक पर मुझे टैग की गयी पोस्ट्स पर मेरी नजर पड़ी तो हैरान रह गया। सयानी नाम के एक काव्य संकलन की चर्चा महाकवि की वाल पर थी । साहित्य में एक नेपो किड का आगमन हो चुका था… Read More

zindagi (2)

कहानी : रिश्ते का सूत्र

पिछले दिनों मेरा सबसे प्यारा दोस्त कनक मुझसे मिलने आया। उसके चेहरे की उदासी देख मैं समझ गया कि कनक कुछ परेशान सा है। मैंने पूछा भी, तो टाल गया। मगर मैं भी कहां छोड़ने वाला। वैसे भी वो मुझसे… Read More

brother-sister

कहानी : अपनापन

पिछले दिनों कवि/साहित्यकार रिशु अपने मित्र लवलेश के घर गया। यूँ तो दोनों का एक दूसरे के घर काफी पहले से आना जाना था। मगर लवलेश की शादी में रिशु अपने एक पूर्व निर्धारित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में जाने की… Read More

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कहानी : अच्छा आदमी

जीवन ने घड़ी देखी,दो बजकर बीस मिनट हो रहे थे। पौने तीन तक डायरेक्ट लखनऊ वाली बस छूट जानी थी । उसके बाद कई बसें बदलकर ही वो लखनऊ पहुँच सकता था। वक्त के बारे में सोच कर झुंझला उठा… Read More

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कविता : देश के राज्यों की विशेषता

सुनों सुनता हूँ तुमको देश की कहानी। जिसमें हैं 29 राज्यों का समावेश। राज्यों कि भी है अपनी अपनी कहानी। कोई विकसित है तो कोई है जंगल। पर सभी का ह्रदय है तो भारत। परंतु एकबात समान है सभी राज्यों… Read More

कथा लखनऊ : दयानंद पांडेय

कहानी या उपन्यास लिखना मेरे लिए सिर्फ़ लिखना नहीं है, एक प्रतिबद्धता है। प्रतिबद्धता है पीड़ा को स्वर देने की। चाहे वह खुद की पीड़ा हो, किसी अन्य की पीड़ा हो या समूचे समाज की पीड़ा। यह पीड़ा कई बार… Read More

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लघुकथा : अब क्या होगा

राजधानी में बरस भर से ज्यादा चला खेती-किसानी के नाम वाला आंदोलन खत्म हुआ तो तंबू-कनात उखड़ने लगे। सड़क खुल गयी तो आस-पास गांव वालों ने चैन की सांस ली। मगर कुछ लोगों की सांस उखड़ने भी लगी थी। नौ… Read More

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कहानी : सच में नारी ममतामय मां है।

बात कुछ साल पुरानी है। गुजरात के आगे के स्टेशन से एक स्त्री दो बच्चो को गोद में लिए चढ़ी । कम उम्र की जान पढ़ रही थी। जिस बोगी में थे हम वह भी उसी बोगी में बैठी। उसके… Read More

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एक बरस में मौसम चार

एक बरस में मौसम चार, यह फिल्मी गाना बहुत लोकप्रिय है। जहाँ पाँचवे मौसम के रुप में ‘प्यार” के मौसम की बात होती है।जब हम इस पाँचवे मौसम की तह तक जाते है तो इस भाव को व्यक्त करने के… Read More