rikshawala

कहानी : रिक्शावाला

शहर के चौक-चौराहे पर इक्के-दुक्के ही रिक्शावाले नजर आते हैं। शायद आज कल आदमी रिक्शा की सवारी करना नहीं चाहते हैं या ई-रिक्शा के कारण। आखिर वजह जो भी हो। रिक्शावाला पूस के ढलते सूरज को देख चिंतित मुद्रा में… Read More

Kahani bhediya

कहानी : भेड़िया

“तड़ाक” उसने एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया था। तमाचा जड़ने के साथ ही उसका पूरा शरीर क्रोध में कांप रहा था। आँखों में अंगारे दहक रहे थे। उसकी आवाज में बिजली-सी कौंध रही थी। वह किसी भेड़िए… Read More

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कहानी : पबजी

गौतम इस वर्ष मैट्रिक की इम्तिहान देने वाला है। इनके मित्रों के पास फोरजी मोबाइल है। वे सभी रात को पढ़ाई के नाम पर पबजी गेम खेलते हैं। गौतम भी बाबा से फोरजी मोबाइल खरीद देने की जिद करता है।… Read More

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कहानी : घर से फरार जिंदगियाँ

उतरत दिसंबर की भोर अम्मा ने साक्षी को जगाते हुए बड़े लाड़ – प्यार से कहा – ” उठो बिन्नू! उठो! मुहल्ला के सारे मौड़ी – मौड़ा जग गए हैं। का तुमें उठने नईंयांँ ? जितेंद्र सर की टूशन की… Read More

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कहानी : सौगंध

गाँव में मजदूरों को बारह महीने प्रतिदिन काम नहीं मिलता है। गर्मी के दिनों में कुआँ का पानी सूख जाने के बाद किसान नरेगा में मजदूरी करने जाते हैं। अधिकांश मजदूर गर्मी के दिनों में काम नहीं मिलने पर चैक… Read More

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कहानी : ऐसा क्यों है?

अभी मैं सोकर उठा भी नहीं था कि मोबाइल की बज रही लगातार घंटी ने मुझे जगा दिया। मैंने रिसीव किया और उनींदी आवाज़ में पूछा -कौन? उधर से आवाज आई -अबे! अब तू भी परेशान करेगा क्या? कर ले… Read More

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कहानी : नजरिया

बहुत देर की खामोशी को तोड़ते हुए नील ने आख़िर बोलना शुरू किया “तुम खुश हो वहाँ?” नंदिनी ने बड़ी ही सहजता से कहा “हम्म, अनुराग मेरा बहुत ख्याल रखते हैं।” करीब 10 साल बाद अचानक एक रेस्टोरेंट में मिलना… Read More

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कहानी : दास्तान-ए-भूख

अक्टूबर का महीना, खेतों में धान की खड़ी फसल मंगरे को दिलासा देती थी। बस चंद दिनों की बात है। फसल कट जाए तो न सिर्फ घर में एक छमाही के लिये रसद का जुगाड़ हो जाये बल्कि कुछ पुराने… Read More

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कहानी : खुदा और विसाले सनम

वो लंबे-लंबे कश खींच रहा था मगर उसकी खांसी बदस्तूर जारी थी। सिगरेट न पीने की उसकी आदत सिगरेट से गम गलत करने की उसकी ख्वाहिश पर भारी पड़ रही थी। खांसते खांसते हुये लार उसके चेहरे पर लिपट गयी… Read More

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लघुकथा : खून सनी रोटी

दो दिन से जुम्मन दो निवाले भी ठीक से नहीं खा पा रहा था । चाय पर चाय पीता और पेशाब जाता । उसके बाद बीड़ी पर बीड़ी पीता जाता और बेतरह खांसता था। उसकी खांसी इतनी देर तक चलती… Read More