दीये का काम है जलना। हवा का काम है चलना। जो दोनों रुठ जाएंगे। तो मिट जाएगी ये दुनियाँ ।। गुरु का काम है शिक्षा देना। शिष्य का काम शिक्षा लेना। जो दोनों भटक जाएंगे। तो दुनियाँ निरक्षक हो जायेगी।।… Read More
भजन : राम भक्त हनुमान
जो खेल गये प्राणों पर, श्रीराम के लिए। एक बार तो हाथ उठा दो, मेरे हनुमान के लिए।। सागर को नाक के इसने, सीता का पता लगाया। प्रभु राम नाम का डंका, लंका में जा के बजाया। माता अंजली की… Read More
गीत : रिश्ते में बंधे
तेरे आने का मुझको, बहुत इंतजार रहता है। तेरे जाने का मुझको, बहुत गम भी होता है। ये आना और जाना, बंद हो सकता है? अगर बंध जाये दोनों एक पवित्र रिश्ते में।। मोहब्बत करना और निभाना, बहुत बड़ी चुनौती… Read More
गीत : यादों के सहारे
पुरानी यादों के सहारे, जिये जा रहा हूँ मैं । तुझे याद है कि नहीं, मुझे कुछ पता नही। तेरी बेरुखी अब मुझसे, नहीं देखी जा रही। तुझे कुछ पता है कि मैं कैसे जी रहा तेरे बिना।। मुझे मालूम… Read More
गीत : धड़कनों में बसे हो
गीत लिखते हो तुम, गीत गाता हूँ में। सुन कर मेरा गीत, मुस्कराते हो तुम। मेरे धड़कनो में, बस गए हो तुम। दिल मेरा अब, मेरे बस में बिल्कुल नही। कैसे तुम को बताऊं, हा ले इस दिल का। चोट… Read More
गीत: माता से प्रार्थना
इतनी शक्ति हमें देना माता। मनका विश्वास कमजोर हो न। हम चले धर्म के पथ पर, भूलकर भी कोई भूल हो न। इतनी शक्ति…।। दूर अज्ञान के हो अंधेरे। तुम हमें ज्ञान की रोशनी दो। हर बुराई से बचे रहे… Read More
भजन : विद्यासागर जी वाणी सुनो
विद्यासागर की वाणी सुनो। ज्ञान अमृत का रसपान करो। ज्ञानसागर दिव्य ध्वनि सुनो। जैन धर्म का पालन करो। विद्यासागर की वाणी सुनो।। आज हम सबका यह पुण्य है। मिला है हमें मनुष्य जन्म। किये पूर्व में अच्छे कर्म। इसलिए मिला… Read More
गीत : अकेला जा रहा हूँ
हाथ से छिटले हुये रिश्ते नहीं झुठला रहा हूँ, वक़्त की सीढ़ी बड़ी बोझिल, जरा घबरा रहा हूँ। कुछ हैं अच्छे लोग, कुछ हैं ऐसे लोग जिनको, और अपना मानता था, खैर! धोख़े खा रहा हूँ । हाँ किसी जन्नत… Read More
एक छुअन : दो गीत
यह दोनों गीत 1987 में लिखे गए थे । इन गीतों की एक पृष्ठभूमि थी । डॉ. धर्मवीर भारती ने इन दोनों गीतों को धर्मयुग के 15 मार्च 1987 अंक में पृष्ठ 19 पर छापा था । आज पत्रिकाओं के… Read More
तुझसे मुहब्बत का इक़रार करता हूँ…
मैं तुझसे मोहब्बत का इक़रार करता हूँ। क्या कहती हो जानम, मैं तुझसे प्यार करता हूँ। निगाहें ना झुकाना, नजरें न चुराना । आ जाओ सनम मैं तेरा इंतजार करता हूँ। आँखों की सूरत अब दिल में बसाता हूँ। जिसका डर… Read More