गीत : प्रेम दिवस

चक्षुओं में मदिरा सी मदहोशी मुख पर कुसुम सी कोमलता तरूणाई जैसे उफनती तरंगिणी उर में मिलन की व्याकुलता जवां जिस्म की भीनी खुशबू कमरे का एकांत वातावरण प्रेम-पुलक होने लगा अंगों में जब हुआ परस्पर प्रेमालिंगन डूब गया तन… Read More

गीत : जवानों को सलाम

सलाम करते हैं हम, उन वीर जवानों को। जिनकी दम पर हम, घरों में आराम करते हैं। और वो देते हैं पहरा, सीमा पर खड़े होकर। उन्ही की दम पर हम, अमन चैन से रहते हैं।। उन्हें क्या मिलता हैं, देश सेवा करने से। किसने उनसे पूछा, कभी उनकी मर्ज़ी को। उनके सीने में देश सेवा, का भाव धड़कता हैं। तभी तो वो सेना में, हुआ करते हैं भर्ती।। जरा सोचो तुम लोगो, वहां पर कौन रह सकता। जहां पर मौत का खतरा, सदा ही बना रहता हैं। फिर क्यो ये रास्ता चुनते हैं ये लोग ? क्योंकि उनके सीने में, देश सेवा की आग जलती है।। इसलिए संजय उनके, माँ बाप को करता है सलाम।… Read More

kalam ka kamal

गीत : कलम का कमाल

लिखता मैं आ रहा, गीत मिलन के मैं । कलम मेरी रुकती नही, लिखने को नए गीत। क्या क्या में लिख चुका, मुझको ही नही पता। और कब तक लिखना है, ये भी नही पता। लिखता में आ रहा…..।। कभी… Read More

गीत : प्यार में छलावा

जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें… Read More

गीत : क्या था भारत?

कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखाया था जोश अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़ी लगन और परिश्रम, के… Read More

वंदना : माँ सरस्वती

माँ शारद को शत बार नमन, तव चरणों में मम ध्यान रहे। हो नित आराधन माता का तब अर्जित सुंदर ज्ञान रहे ।। हो शुभ्र-सोच हम सब की माँ, जैसे हैं पावन वसन तेरे। मन भी कोमल हम सबका हो,… Read More

सरस्वती वंदना

हम मानुष जड़मति  तू मां हमारी भारती  आशीष से अपने प्रज्ञा संतति का संवारती तिमिर अज्ञान का दूर  करो मां वागीश्वरी  आत्मा संगीत की निहित तुझमें रागेश्वरी वाणी तू ही तू ही चक्षु  मां वीणा-पुस्तक-धारिणी  तू ही चित्त बुद्धि तू… Read More

गीत : तिरंगे की शान

सुनो मेरे देशवासियों, मनाने जा रहे,  71व गणतंत्र दिवस, कुछ संकल्प ले लो। नहीं करेंगे कोई भेद, हम जाती और धर्म पर। समान भाव सबके प्रति, हम सब मिलकर रखेंगे। तभी हमारा ये देश, दिखेगा विश्व में विशेष।। हमें इस… Read More

गीत

हर राम का जटिल जीवन पथ होगा  जब पिता भार्या भक्त दशरथ होगा  करके ज़ुल्म करता है वो इबादत कहो फिर कैसे पूर्ण मनोरथ होगा नींद आयेगी तुझे भी सुकून भरी जब तू भी पसीने से लथपथ होगा कृष्ण का… Read More

गीत : हमराज बन गए

तुमने मुझे क्यों चुना, मोहब्बत करने के लिए। मुझमें तुम्हें क्या, अच्छा और सच्चा लगा। मैनें तो तुमसे कभी, निगाहें मिलाई ही नहीं। फिर भी तुमने अपना दिल, मेरे को क्यों दिया।। दिल के झरोखों से क्या तुम्हें कोई तरंग… Read More