माँ शारद को शत बार नमन,
तव चरणों में मम ध्यान रहे
हो नित आराधन माता का
तब अर्जित सुंदर ज्ञान रहे ।।
हो शुभ्र-सोच हम सब की माँ,
जैसे हैं पावन वसन तेरे।
मन भी कोमल हम सबका हो,
जैसे हैं कोमल चरन तेरे ।
निर्मल अपना मन हो जाए,
तो जीवन में उत्थान रहे ।
माँ शारद को शत बार नमन,
तव चरणों मे मम ध्यान रहे।।
हम  नेक राह पर चल कर के,
सब को नित नेह लुटाएंगे ।
जो हैं दुर्जन उन सबको हम,
अच्छा इनसान बनाएंगे ।
समता-ममता का पाठ पढ़ें,
तो मानवता का ध्यान रहे।
माँ शारद को शत बार नमन,
तव चरणों में मम ध्यान रहे।।
अध्ययन ही लक्ष्य रहे अपना,
हम भारत माँ से प्यार करें ।
धरती हमको कितना देती,
हम भी इस पर उपकार करें ।
सत्संग लक्ष्य हो जीवन का,
बस यह पुनीत अभियान रहे ।
मां शारद को शत बार नमन,
तव चरणों में मम ध्यान रहे।।

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