मैं तुझसे मोहब्बत का इक़रार करता हूँ।

क्या कहती हो जानम, मैं तुझसे प्यार करता हूँ।

निगाहें ना झुकाना, नजरें न चुराना ।

आ जाओ सनम मैं तेरा इंतजार करता हूँ।

आँखों की सूरत अब दिल में बसाता हूँ।

जिसका डर था अब वही बात करता हूँ।

सिर का झुकना, फिर धीरे से मुस्काना।

सच कहता… मैं तुझ पर अपना भाव भरता हूँ।

जो अब तक कहना था मुश्किल।

वो सारी हिम्मत तार करता हूँ।

पेन को गुमाकर अपने तुझसे माँग लाता हूँ।

बाते करने का रोज बहाना तैयार करता हूँ।

लेके शमशीर प्रीत की कत्ल मेरा कर देना तुम।

मैं समर मोहब्बत का, तैयार करता हूँ

तुम अपने दुपट्टे का कफ़न तैयार रखना।

मैं अपनी मोहब्बत का जनाज़ा तैयार करता हूँ।

 

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