मैं किन-किन को छोड़ू, जबकि सभी अपने हैं। जीवन के सफर में, मिला साथ मुझे सबका। इसलिए तो मंजिल तक, मैं पहुँच पाया हूँ। और विजय ध्वजा को, आकाश में फहरा पाया हूँ।। जीत-हार से जो भी अपने को आंके।… Read More
कविता : गुरु की कृपा निराली
विद्यालय उपवन है ‘नैतिक’ शिक्षक इसके माली पुस्तक है दमदार उर्वरक बाग को दे हरियाली छात्र सुमन शोभा उपवन के लाल-गुलाबी-पीले नन्हे-मुन्ने, प्यारे-प्यारे कितने सुगंधित रंग-बिरंगे इन फूलों से सजती बाग की डाली विद्यालय उपवन है ‘नैतिक’ शिक्षक इसके माली… Read More
कविता : शिक्षको से मिला हमें
दिया मुझे शिक्षकों ने, हर समय बहुत ज्ञान। तभी तो पढ़ लिखकर, कुछ बन पाया हूँ। इसलिए मेरी दिल में, श्रध्दा के भाव रहते है। और शिक्षकों को मातपिता से बढ़कर उन्हें सम्मान देता हूँ। जो कुछ भी हूँ मैं… Read More
कविता : भरोसा नहीं
लूटकर सब कुछ अपना, तेरी शरण मे आया हूँ। अब दवा दो या ये जहर, ये तेरे पर निर्भर करता है। तेरी रहमत पर ही जिंदा हूँ, इसलिए तेरा आभारी हूँ। और जिंदगी को अब, धर्मानुसार जी रहा हूँ।। न… Read More
कविता : हवाओं से
ठंडी हवाओं के झोंको से आ रही फूलों की महक। चिड़ियों की चहको से मिल गया आपका संदेश। दुआ करते है ईश्वर से कि हमें मिलता रहे। आपके जैसे दोस्त का स्नेह और प्यार।। दूर है दोनों के किनारे पर… Read More
कविता : शिक्षक दिवस
मनुष्य को अस्तित्व का एहसास जिससें होता हैं, मनुष्य को भविष्य का आभास जिससें होता हैं, भूत भविष्य वर्तमान का पहचान जिससें होता हैं, ओ ज्ञान धरा पर मनुष्य को एक शिक्षक से ही होता हैं। शिक्षक के सानिध्य में… Read More
कविता : शिक्षकों का योगदान
हूँ जो कुछ भी आज मैं, श्रेय मैं देता हूँ उन शिक्षकों को। जिन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया, और यहाँ तक पहुँचाया। भूल सकता नहीं जीवन भर, मैं उनके योगदानों को। इसलिए सदा मैं उनकी, चरण वंदना करता हूँ।। माता पिता… Read More
कविता : कैसे याद दिलाता नानी
मानव ने उत्पात मचाकर अब तक की मनमानी देखो आज करोना कैसे याद दिलाता नानी जब से इस अदृश्य विषाणु ने दुनिया को है काटा चौराहों पर खामोशी है सड़कों पर सन्नाटा धन-दौलत-सामर्थ्य सभी कुछ फिर भी है लाचारी हैं… Read More
कविता : कोई फर्क नही पड़ता
राजा रावण हो या राम कोई फर्क नहीं पड़ता जनता तो एक सीता है राजा रावण हुए तो पंचवटी से उठा ली जायेगी राजा राम हुए तो अग्नि परीक्षा के बाद भी ठुकरा दी जायेगी। राजा कौरव हों या पांडव… Read More
कविता : प्रेम दिल से होता है
मोहब्बत सूरत से नहीं होती है। मोहब्बत तो दिल से होती है। सूरत खुद प्यारी लगने लगती है। कद्र जिन की दिल में होती है।। मुझे आदत नहीं कही रुकने की। लेकिन जब से तुम मुझे मिले हो। दिल कही… Read More