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गीत: माता से प्रार्थना

इतनी शक्ति हमें देना माता। मनका विश्वास कमजोर हो न। हम चले धर्म के पथ पर, भूलकर भी कोई भूल हो न। इतनी शक्ति…।। दूर अज्ञान के हो अंधेरे। तुम हमें ज्ञान की रोशनी दो। हर बुराई से बचे रहे… Read More

sayar nazeer akbarabadi

नाटक: नज़ीरनामा

मरहूम शायर नज़ीर अकबराबादी के जीवन पर आधारित यह नाटक बहुत ही सुंदर एवं सुव्यवस्थित ढंग से लिखा गया है, जिसे लिखा है वरिष्ठ रंगकर्मी एवं कवियित्री बिशना चौहान मैम ने। एक सफल नाटक वही कहलाता है जिसे इस प्रकार… Read More

book need kuy raat bhar nahi aati

पुस्तक समीक्षा: नींद क्यों रात भर नही आती

उपन्यास का शीर्षक नींद क्यों रात भर नही आती, ग़ालिब की रचना “कोई उम्मीद बर नही आती, कोई सूरत नज़र नही आती, मौत का एक दिन मुअय्यन है, नींद क्यों रात भर नही आती” से उद्धृत है। ‌यह उपन्यास इंसान… Read More

indian farmer

कविता : सब समान हो

चाहे हो दिव्यांगजन, चाहे हो अछूत, कोई ना रहे वंचित सबको मिले शिक्षा कोई ना मांगे भिक्षा। दुनिया की भूख मिटाने वाला, किसान कभी ना करे आत्महत्या। किसी पर कर्ज़ का ना बोझ हो सबके चेहरे पर नई उमंग और… Read More

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कविता : तेरे हवाले है

प्यार को प्यार से जाने तो, कोई बात होती है। दिल को दिल से जानो तो, कोई बात होती है। मैं कैसे समझूँ की तू, मुझको चाहती है। कुछ तो दे दो इशारा तुम, अपनी आँखों से।। जब भी देखता… Read More

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भजन : विद्यासागर जी वाणी सुनो

विद्यासागर की वाणी सुनो। ज्ञान अमृत का रसपान करो। ज्ञानसागर दिव्य ध्वनि सुनो। जैन धर्म का पालन करो। विद्यासागर की वाणी सुनो।। आज हम सबका यह पुण्य है। मिला है हमें मनुष्य जन्म। किये पूर्व में अच्छे कर्म। इसलिए मिला… Read More

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कविता : क्या है वो जिन्हें

कुछ तो बात है उनमें, तभी लोग उनके हो जाते है। अपने अपने प्यार का इजहार करने, गुलाब का फूल लेकर, बार बार सामने जाते है। भले ही कुछ बोल न सके, पर अपनी बात गुलाब दिखकर समझते है। और… Read More

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कविता : प्यारे लगते हो

हँसता हुआ चेहरा, प्यारा लगता है। तेरा मुझे देखना, अच्छा लगता है। घायल कर देती है तेरी आँखे और मुस्कान। जिसके कारण पूरा दिन, सुहाना लगता है।। जिस दिन दिखे न तेरी एक झलक। तो मन उदास सा, हो जाता… Read More

व्यंग्य : अबकी बार, तीन सौ पार

“नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू ही सही  नहीं विसाल मयस्सर तो आरजू ही सही “ जी नहीं ये किसी हारे या हताश राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता की पीड़ा या उन्माद नहीं है। बल्कि हाल के दिनों में तीन सौ… Read More

कविता : यह पुरुष नहीं तो कौन है ?

वह किसी नन्ही सी गुड़िया के लिए सुकून का ठिकाना, वह किसी निराश सर के लिए मजबूत कंधे का बहाना, वह किसी बच्चे को दौड़ते हुए समय से स्कूल पहुंचाना, वह किसी बूढ़ी माँ के रोगों का एकमात्र दवाखाना, वह… Read More