लेख : मर्यादा

“एक सामान्य स्त्री जो मर्यादा, सीमाओं, इज्जत और कर्तव्यों के ऐसे चक्रव्यूह में होती है जिसे पार करना असंभव सा प्रतीत होता है, फिर भी उसकी आकांक्षाएं उसे उस चक्रव्यूह के पार सोचने के लिए मजबूर करती है और यह… Read More

sumitranandan pant

जन्मदिन विशेष : कविवर सुमित्रानंदन पंत

“वियोगी होगा पहिला कवि  आह से उपजा होगा गान  उमड़ कर ऑखों से चुपचाप बही होगी कविता अनजान।” प्रकृति की महासभा का कुशल वक्ता– कवि जिस मनोदशा में लिख रहा होता है वह गुणात्मक शब्द-शैली के साथ-साथ मन के भीतर… Read More

लेख : मार्च महीना और महामारी…!!

 आमतौर पर मार्च का महीना साल का सबसे तनावपूर्ण महीना माना जाता है क्योंकि इस महीने में अधिकतम निजी व्यावसायिक कंपनियों में वर्ष समाप्ति का काम ज़ोरो पर होता है और कर्मचारियों पर काफी दबाव भी रहता है, रही बात… Read More

विशेष : सन्त रविदास जयंती

संत रविदास और मार्क्सवाद का वैचारिक द्वंद्व वाया भारतीय संस्कृति मध्ययुगीन साधकों में विशिष्ट स्थान के अधिग्राही हैं  रैदास जिन्हें हिंदी साहित्य में संत रविदास के नाम से भी जाना जाता है । मौखिक रूप से रैदास और लिखित रूप… Read More

महान विभूति : महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ,जब मैं स्कूल में था।प्रताप को विशेष रूप से जानने-बुझने की जिज्ञासा जागृत हुई।मैं स्तब्ध था क्योंकि अभी तक राष्ट्रनायकों से ज्यादा आक्रमणकारियों के विषय में पढ़ने को मिला था ।बालपन में ही यह… Read More

मानवता के कवि जयशंकर प्रसाद

आज छायावाद के प्रवर्तक कवि, लेखक, निबंधकार, उपन्यासकार जयशंकर प्रसाद की पुण्यतिथि है। दिनांक 15 नवम्बर 1937 हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक इस कवि का दुनिया से प्रस्थान हो गया था। उन्होंने हिन्दी काव्य… Read More

गाँधी : स्त्री-विमर्श के पैरोकार

मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसी शख्सियत है जो किसी परिचय के मोहताज नहीं, बल्कि देश – विदेश  में भारतीयों का परिचय इनके नाम से किया जाता है। कितने ही वाकया हैं जिसमें देश से विदेश गए लोगों से विदेशी यह… Read More

गांधी जयंती : विशेष

(1) बापू फिर आओ एक बार  हर वर्ष सजोया यादों में बापू का प्रिय जन्मदिवस हर वर्ष किया संकल्पित खुद को बार बार बापू के आदर्शों को जीवन-दान मिले जनके अन्तः कोलाहल से उठती पुकार। पर त्याग हीन सत्ता की… Read More

जन्मदिवस विशेष : सरस्वती की जवानी में कविता और बुढ़ापे में दर्शन ढूंढने वाला कवि ‘दिनकर’

साहित्य के वाद (छायावाद, प्रगतिवाद) से परे के कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज 111वीं जन्म जयंती  है। 23 सितम्बर 1908 सिमरिया में जन्में और साल 1974 की 24 अप्रैल को पंचतत्व में विलीन हो जाने वाली इस महान विभूति… Read More

राष्ट्र सर्वोपरि की भावना का पोषक कवि : ‘रामधारी सिंह ‘दिनकर’

हिंदी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना और संस्कृति के संवाहक लेखकों और कवियों की परंपरा में ‘रामधारी सिंह दिनकर’ का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। आज इस महान विभूति का जन्मदिवस (23 सितंबर 1908- 24 अप्रैल 1974) है।… Read More