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व्यंग्य : मन का रावण

हाँ, तुम्हारी मृदुल इच्छा हाय मेरी कटु अनिच्छा  था बहुत माँगा ना तुमने किंतु वह भी दे ना पाया था मैंने तुम्हे रुलाया… ये एक तसल्ली भरा सन्देश है उन लोगों की तरफ से जिन्होंने इस बार मन के रावण… Read More

पिता जी के रहते एक दिवाली थी पिता जी के बाद एक दिवाली है

जीवन के 25 वसन्त में यह तीसरी दिवाली होगी जब बिना पिता जी के आशीर्वाद के दिवाली बनाई जाएगी और मेरे जहन में वो यादें हमेशा ताज़ा बनी रहेंगी जो पिता जी के साथ बनी थीं। उन्हें ताउम्र अपने जीवन… Read More

मूवी रिव्यू : सामाजिक कुरीतियों पर सवाल उठाती प से प्यार फ़ से फरार

ऑनर किलिंग पर बनी यह फिल्म हार्डहिटिंग है और फिल्म सैराट से प्रेरणा लेती दिखाई देती है। ऑनर किलिंग पर बनी ‘प से प्यार फ़ से फ़रार’ कोई इस तरह के विषय पर बनने वाली पहली या आखरी फ़िल्म नही… Read More

मूवी रिव्यू : बहादुरी और बुलंद आवाज़ की तस्वीर फ़िल्म सांड की आँख

सांड की आंख फ़िल्म को बनाने से पहले इस फ़िल्म में मुख्य कलाकार को लेकर काफी विवाद हुआ था। लेकिन अब जब बेहतरीन कास्टिंग के साथ फ़िल्म आई है तो बहादुरी और बुलंद आवाज बनकर उभरती है। फिल्म में भूमि… Read More

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अपनी दिवाली की यादों को हमसे साझा करें

भारत में हर त्यौहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है और जब दिवाली की बात आती है तो कुछ अलग ही माहौल बन जाता है। क्योंकि दिवाली का त्यौहार भारत देश में सबसे ज्यादा धूम-धाम के साथ मानाया जाता… Read More

कविता : इंद्रधनुषी रात

इंद्रधनुषी रात थकने सी लगी है। भोर में कोयल कुहकने सी लगी है।। गीत मंगल के सजे तोरण कलश पर तलहथी की छाप उगने सी लगी  है।। गंध-मेंहदी ने किया तन-मन सुवासित बाग में  बेला चमकने सी लगी है।। छंद… Read More

कहानी : आग

गाँव के एक घर में आग लग गई थी, वहीं गाँव के मंदिर में लोग नारियल फोड़ रहे थे। जिस घर में आग लगी थी उस घर का लड़का एक रात किसी दूसरे गाँव की लड़की के साथ उस मंदिर… Read More

पुस्तक समीक्षा : भूख परोसती है अनुपमा गाँगुली का चौथा प्यार

हिंदी साहित्य में नई वाली हिंदी के नाम से मुकाम बना रहे आज के लेखकों में प्रेम सबसे महत्वपूर्ण और केन्द्रीय बिंदु बनकर उभरा है। लेकिन अभी तक मुझे उस तरह के प्रेम में डूबे कहानी के नायक या नायिकाएँ… Read More

पुस्तक समीक्षा : विज्ञप्ति भर बारिश में समय के संक्रमण से जूझती कविता

हिन्दी साहित्य आदिकाल से लेकर आज तक के दो हज़ार वर्ष से भी अधिक का एक दीर्घकालिक समयांतराल पार कर चुका है। इस दौरान इसमें कई आंदोलन हुए, कई विचारधाराओं ने जन्म लिया तथा अपनी साँसें स्वर्णिम इतिहास के रूप… Read More

मूवी रिव्यू : #यारम

अदालतों द्वारा सरकारी योजनाओं, पहलों और ऐतिहासिक निर्णयों पर बनाई जा रही बॉलीवुड फिल्में अब एक चलन में नहीं हैं, जो आपको खड़ा होने पर मजबूर करती हैं और नोटिस करती हैं।  निर्देशक ओवैस खान की यारम में, हमारे पास… Read More