हाँ, तुम्हारी मृदुल इच्छा
हाय मेरी कटु अनिच्छा 
था बहुत माँगा ना तुमने
किंतु वह भी दे ना पाया
था मैंने तुम्हे रुलाया…
ये एक तसल्ली भरा सन्देश है उन लोगों की तरफ से जिन्होंने इस बार मन के रावण को पुष्पित -पल्लवित नहीं होने दिया। इस बार का दशहरा बहुत फीका फीका रहा। फेसबुक के कॉलेज से ग्रेजुएट और व्हाट्सप्प विश्वविद्यालय से दीक्षा प्राप्त लोग अभी मन के रावण को झाड़ पोंछ कर सामने ही लाये थे। उसे कैसे मारा जाये ये लोगों को समझाने का सोच ही रहे थे कि विगत वर्षों से खार खाये लोगों ने पहले ही हमला कर दिया कि हम पुतले वाले रावण को जलाएंगे भी और मारेंगे भी। दशहरे का मेला भी देखने जाएंगे और आतिशबाजी का आनन्द भी लेंगे और उस पर तुर्र्रा ये कि फेसबुक पर फोटो भी लगायेंगे। कुछ लोगो ने विगत वर्षों की उस पोस्ट को झाड़ा पोंछा और मानवता की दुहाई देते हुए ये कहने को उद्धत थे कि किसी का मृत्यु गाजे – बाजे और उत्सव के साथ कैसे मनायी जा सकती है भले ही वो रावण ही क्यों ना हो। एक मोहतरमा ने रावण के संयम की तारीफ़ की और लिखा कि उसने तो सीता जी को फीमेल बॉडीगॉर्ड दे रखे थे, वो बहुत कंसर्न वाला था इस पर किसी नॉटी बॉय ने उनकी वाल पर टिप्पणी चेप दी, कि
भगवान आपको रावण जैसा पति दे ,”मैडम ने अपना फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट कर दिया शायद अपने मन के रावण की साध पूरी करने के लिये अपना रावण खोजने निकल गईं।
ये सिलसिला यहीं तक नहीं रुका पर्यावरण प्रेमी एक और खातून ने ये दलील दी कि आतिशबाजी से उन्हें दमा का दौरे जैसी हालत हो जाती है ये बात उन्होंने सिगरेट का कश लगाते हुए कही तो लोगों ने उन्हें प्रियंका चोपड़ा की याद दिलायी जिन्हें कॉक्स बाजार के शरणार्थी तो नजर आ जाते हैं मगर दिल्ली में बेहद बुरे हाल में रह रहे कश्मीरी पंडित नहीं दिखते। तब से वो भी कोप भवन लिये बैठी हैं कि “अच्छी बात सुनने को कोई तैयार नहीं ” नानक दुखिया सब संसार।
सबके अपने अपने दुःख हैं सोने की महंगाई से दुखी और अपने इच्छानुसार गहना ना खरीद पाने की टीस में बनारस के लंका इलाके में रहने वाली महिला ने ट्वीट करके अपना दुःख निकाला कि
“काश मैं इस लंका में ना रह रही होती, बल्कि वो टाइम में रावण की सोने की लंका में रही होती तो अपनी चॉइस के हिसाब से मन भर सोना ले सकती थी हाय रावण कितनी गजब रही होगी तेरी सोने की लंका”।
लोगों ने उसकी इस इच्छा की तुलना कराची में अमन की गारंटी से की। वैसे रावण मरा या नहीं मरा ये तो नहीं पता मगर ऐन दशहरे के वक्त इमरान खान नियाजी ने अपनी आत्मा में रावण का भरपूर प्रवेश हो जाने दिया। भूखे नँगे पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को करतार पुर जाने के लिये जो बीस डॉलर की शर्त रखी है उससे तो रावण भी शर्मिंदा हो गया होगा। ये किसी ने नहीं सोचा मगर ये जजिया कर तो पाकिस्तान वसूलेगा ही। पाकिस्तान भूखा नँगा और इरादतन बदमाश है पैसे से गोपाल सिंह चावड़ा जैसे खालिस्तान समर्थकों की मदद भी करेगा।
दशहरे का जिक्र चला तो एक प्रसिद्द प्रोग्रसिव महिला ने पोस्ट लगायी कि सूर्पनखा के नाक कान लक्ष्मण को नहीं काटने चाहिए थे, ये एक किस्म का “वायलेंस अगेंस्ट वीमेन” है। उनकी बात पर लाइक और कमेंट की शुरुआत हो गयी। दशहरे की छुट्टी के दिन किया गया ये कमेंट मशहूर हो ही रहा था कि एक खाली बन्दे ने छुट्टी का सदुपयोग करने का सोचा। उसने मणिरत्नम का नाम देखकर रावण फिल्म देख ली।अभिषेक बच्चन की फिल्म रावण पूरी देखकर वो बन्दा अपना सर दीवाल पर फोड़ने ही जा रहा था कि उसे सूर्पनखा वाली पोस्ट नजर आ गयी।उसने मैडम से पूछा कि “क्या सूर्पनखा का विवाहित राम पर शादी करने का दबाव डालना उचित था। क्या ये अन एथिकल एक्ट नहीं था, क्या ये स्टॉकिंग नहीं था, क्या ये मानसिक उत्पीड़न नहीं था राम और सीता का। इस पर कौन सी दफा लगेगी “।
मैडम उसका ये जवाब सुनकर बहुत नाराज हो गयीं शीघ्र ही वो जंतर मंतर पर इसके खिलाफ एक मोर्चा निकालेंगीं। मन का रावण के फ्लॉप शो के बाद करवा चौथ पर लम्बी तैयारी थी कुछ अति उत्साही महिलाओं की, उनके एजेंडे में था इस पुरातन त्यौहार का बहिष्कार। बरसों से ऐसा करके वो सोशल मीडिया पर अपना सिक्का चलाती रहीं थीं, कि किसी की जिंदगी तरक्की के लिये हम व्रत क्यों रहें, वो पुरुष क्यों नहीं रहते व्रत मगर इस बार मन के रावण के फ्लॉप शो के बाद उनकी अनुयायी बिदक गयीं और वो अकेली पड़ गईं उनकी तमाम अपीलों के बाद भी वो अकेली पड़ गईं अधिकांश महिलाओं ने व्रत, पूजा पाठ, शृंगार, आभूषण का विकल्प चुना इस बार भी करवा चौथ सफलतापूर्वक और धूमधाम से हुआ। वो बहुत बिगड़ीं लेकिन क्रांति के लिये करवा चौथ को कुछ लोगों ने ड्राई डे घोषित कर दिया। हाय रे मन का रावण,
उसके बाद दीपावली, अयोध्या में पांच लाख दिए जले, हंगर इंडेक्स वाले आंकड़ों से सरकार पर ऊँगली उठाते रहे और लोगों ने खाद्य तेल की नदियां बहा दीं। मंदी का रावण न जाने कहाँ गायब हो गया, ऑटोमोबाईल सेक्टर, सोना चांदी और बाकी वस्तुओं की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ दिये हाय हाय मन की रावण की तीसरी सीरीज भी फेल रही। मरता क्या ना करता, ध्वनि और वायु प्रदूषण वालों ने तख्तियां उठा रखी हैं ई दिवाली और ग्रीन दिवाली वालों ने कमर कस रखी है, मन के रावण को चौथी बार हेल्थ ड्रिंक पिलाकर खड़ा किया जा रहा है, देखते हैं मन का रावण चौथी बार क्या क्या करता है ?
“जारे जागे सुभाउ हमारा 
अनभल देख ना जाइ तुम्हारा “

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