देखो उस मेट्रो को… कैसे खिलखिला के हँस रही है… सुना है, इसने कई पेड़ों का क़त्ल कर दिया कल रात… कल रात जब हम गहरी नींद में थे कुछ पेड़ सुबक रहे थे अंधेरे में… कइयों ने आवाज़ लगाई… Read More

देखो उस मेट्रो को… कैसे खिलखिला के हँस रही है… सुना है, इसने कई पेड़ों का क़त्ल कर दिया कल रात… कल रात जब हम गहरी नींद में थे कुछ पेड़ सुबक रहे थे अंधेरे में… कइयों ने आवाज़ लगाई… Read More
रिया की उम्र अब 18 की हो चुकी थी, जहाँ एक ओर रिया की माँ को उसके ब्याह की चिन्ता सता रही थी वहीं रिया के पिता इस दुविधा मे फंसे हुए थे कि अपनी धर्मपत्नी की चिन्ता को दूर… Read More
गांधी जयंती यानि अहिंसा दिवस के मौके पर जबरदस्त मारधाड़ से भरपूर और हिंसा से भरपूर फिल्म वॉर रिलीज कर दी गई है। ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ स्टारर ये फिल्म कैसी है और इसे क्यों देखने या नहीं देखने… Read More
सई रा नरसिम्हा रेड्डी एक डिस्क्लेमर के साथ शुरू होती है कि फिल्म का उद्देश्य किसी व्यक्ति, समुदाय, जाति या धर्म की भावनाओं को आहत करना नहीं है। जब आप राम चरण द्वारा पढ़े गए डिस्क्लेमर को देखते हैं, तो… Read More
जो लोग नहीं जानते वह लोग अब से जान लें कि गांधी को महात्मा की उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दिया था। जब कि गांधी को राष्ट्रपिता नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था। और समूचे देश ने एक स्वर… Read More
पूरा विश्व आज गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। देश विदेश में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन होंगे। सरकारी कर्मचारियों में और अधिक ख़ुशी का माहौल होगा। अनेक सर्वेक्षण बताते हैं कि देश की 70 प्रतिशत आबादी गांधी जी… Read More
इसी भारत भू पर कभी अवतरण हुआ था एक ऐसे व्यक्ति का जो स्वभाव से संत था और कर्म से सैनिक एक ऐसा संत ! जिसके हृदय में प्रेम का सागर था दिल में छलकता दया का गागर था जिसके… Read More
आज से लगभग चार सौ वर्ष पूर्व रहीम जी ने एक दोहा रचा था, जो कि इस प्रकार है — रहिमन पानी राखिए; बिन पानी सब सून। पानी गए ना उबरे; मोती, मानस, चून। रहीम जी की रचना यह प्रतिपादित… Read More
पत्थरों के इस शहर में आइने-सा आदमी, ढूँढने निकला था खुद को चूर होता आदमी। चिमनियाँ थीं, हादसे थे, शोर था काफी मगर, इस शहर की भीड़ में कोई नहीं था आदमी। तन जलेगा, मन जलेगा, घर जलेगा बाद में,… Read More
बंदूकें तुम्हें भले ही भाती हो अपने खेतों में खड़ी बंदूकों की फसल लेकिन- मुझे आनन्दित करती है पीली-पीली सरसों और/दूर तक लहलहाती गेहूं की बालियों से उपजता संगीत। तुम्हारे बच्चों को शायद लोरियों सा सुख भी देती होगी गोलियों… Read More