happy father day

पितृ दिवस की शुभकामनाएँ

मैं वक्त हूँ। निरंतर चलते रहता हूँ,रूकना मेरी फ़ितरत नहीं।ये सच है कि मुझसे ज्यादा कोई अनुभवी नहीं हुआ आजतक । अब आप मेरी उम्र-आयु के पचड़े में मत पड़ियेगा। उलझ के रह जायेंगे। संसार को द्रष्टा बन के युगों… Read More

banner kisi par to ayega

गीत : किसी पर तो आएगा

न दिल की प्यास, मेरी बुझती है। न दिल को, चैन मिलता है। पर न जाने, क्यों तुम्हारी यादे। इस दिल से, जाती नही है।। कदम कदम पर, तुम याद आते हो। दिलकी गैहराइयो में, क्यो समाये हो। क्या रिश्ता… Read More

happy father's day poster

कविता : मेरे पिता जी

अंदर ही अंदर घुटता है। पर ख्यासे पूरा करता है। दिखता ऊपर से कठोर। पर दिलसे नरम होता है। ऐसा एक पिता होता है।। कितना वो संघर्ष है करता। पर उफ किसीसे नहीं करता। लड़ता है खुद जंग हमेशा। पर… Read More

happy international yoga day

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं

योग हमे ख़ुद से मिलाता हैं, योग ईश्वर की अनुभूति दिलाता हैं. सफलता तीन चीज़ो से मापी जाती हैं. धन, प्रसिद्धी और मन की शांति. धन और प्रसिद्धी पाना आसान हैं. “मन की शांति” केवल योग से मिलती हैं. “योग”,… Read More

Happy Fathers Day

कविता : पिता शेर होता है चीता होता है

पिता होने के एहसास से,एक पिता जीता रहता है। साब ! वो पिता, पिता नहीं, शेर होता है चीता होता है॥ जो ऊँगली पकड़कर कभी चलना सिखाता है। वो बचपन में लोरी गा-गा कर कभी सुलाता है॥ हमारे झूठे नखरों… Read More

poem tum kaya pawoge

कविता : तुम क्या पाओगे?

थोड़ा सा सम्मान क्या मिला, बरसाती मेंढ़क हो गए थोड़ा सा धन क्या मिला, पागल बन बैठे थोड़ा सा ग्यान क्या मिला, बड़बोले हो गए थोड़ा सा यश क्या मिला, दुनिया पर हसने लग गए थोड़ा सा रुप क्या मिला,… Read More

poem unemployed young

कविता : बेरोजगार नवजवान

आती हुई कार से एक नवजवान टकरा गया टांग टूटी, हाथ टूटा फिर भी मुस्कराते देख कार वाला चकरा गया, अस्पताल ले जाने के लिए जैसेही उठाया नवजवान धीरे से बोला – ‘प्लीज’ मुझे अस्पताल ना ले जाईये एक्सीडेंट से… Read More

poem In this lonely journey of memories

कविता : यादों के इस तन्हा सफर में

यादों के इस तन्हा सफर में, मनोहर, एक हमसफर की तलाश है … दुख के काले अंधियारों में , सुख के पुलकित राहों में , साथ जो निभा सके उम्र भर , मनोहर, एक हमराह की तलाश है .. यादों… Read More

kavi sammelan

कविता : शिर्षक बदल

जब महीने में पांचवी बार, काव्य पाठ की नौबत आयी , शीघ्रता में मैने भी वही कविता, शिर्षक बदल फिर एक बार सुनायी | तभी, श्रोताओ के बीच से, एक आवाज जोरदार आयी – ओये कालिदास के नाती , शरम… Read More