मैं स्त्री हूँ …. हाँ, मैं वही स्त्री हूँ, जिसे इस पुरूष प्रधान समाज ने, हमेशा हीं प्रताड़ित किया है। हाँ, वही समाज जिसने, मेरे प्रति अत्याचार किया, व्यभिचार किया और, मेरी इस दयनीय स्थिति का पूर्णत: ज़िम्मेदार भी है।… Read More

मैं स्त्री हूँ …. हाँ, मैं वही स्त्री हूँ, जिसे इस पुरूष प्रधान समाज ने, हमेशा हीं प्रताड़ित किया है। हाँ, वही समाज जिसने, मेरे प्रति अत्याचार किया, व्यभिचार किया और, मेरी इस दयनीय स्थिति का पूर्णत: ज़िम्मेदार भी है।… Read More
हे नारी ! आखिर कब तक सहेगी तू , अबला बन, प्रताड़ित होती रहेगी तू , बहुत हो चुका, दूसरों के लिए जीना मरना , अब तो तुझे खुद के लिए लड़ना होगा माँगना नहीं अधिकार, तुझे छिनना होगा, दिखला… Read More
रातों को जब नींद ना आये, दिल का चैन भी कहीं खो जाये, याद आये कोई जो बारम्बार, शायद वही है प्यार। आँखों में खुमारी सी छा जाये, सपनों में केवल वो ही वो आये, हर पल रहे जिसका इंतज़ार,… Read More
वो देखती है सपने, रात रात भर जाग के, चाँद तारों को आसमां में निहारते, वो देखती है सपने । वो देखती है सपने, अपने पिया से मिलन के, अपने विह्वल मन को समझाते, वो देखती है सपने । वो… Read More
चाह नहीं मैं एम.पी. बनकर, संसद में बहस लगाऊँ चाह नहीं मैं वक्ता बनकर, दुनिया को हीं मूर्ख बनाऊँ चाह नहीं मैं पहलवान बनकर, कमजोरों को खूब सताऊँ चाह नहीं मैं मालिक बनकर, ऑर्डर नौकर पर बेहिसाब चलाऊँ चाह नहीं… Read More
कुछ सपने थे जो टूट गए, कुछ अपने थे जो छुट गए, पहले तो कुछ ना आभास था, यह भी होगा, ना विश्वास था, पर होनी तो होकर गुजरी, सब सगे स्नेह से लूट गए, कुछ सपने थे जो टूट… Read More
नयनों का जल ढ़रक ना जाये आत्मा फिर तेरी धधक ना जाये। नारी अपने मन की बातें, रहने दे मर्यादा में हीं तू मत कर बेवजह की बातें, आग ना लगा तू तन मन में आज नहीं आयेंगे कान्हा जग… Read More
कैसे बताऊँ क्या हो गई ? मेरी ज़िन्दगी तुम बिन, बोझिल सी हो गई, ये ज़िन्दगी तुम बिन, खो गई कहीं दिल की, हर ख़ुशी तुम बिन, गुमसुम सी हो गई, ज़िन्दगी तुम बिन, न चाँद ना सितारे, ना नजारे… Read More
ना जीने को दिल करता है, ना हीं मर जाने को, दिल करता है मेरा, सुन्दर – सा नगर बसाने को । जहाँ ना हो चोरी ड़कैती, ना हीं हो मर महँगाई की; जहाँ पाप समझे सब खाना, कमाई हराम… Read More
जिसे भूल कर भी भुला ना सके हम, ‘मनोहर’ उसे ना फिर कभी याद आ सके हम, जिसे भूल कर भी …. यूँ बातें बहोत की बिना बात की, पर हाल ए दिल अपना बता ना सके हम, जिसे भूल… Read More