poem tum kaya pawoge

कविता : तुम क्या पाओगे?

थोड़ा सा सम्मान क्या मिला, बरसाती मेंढ़क हो गए थोड़ा सा धन क्या मिला, पागल बन बैठे थोड़ा सा ग्यान क्या मिला, बड़बोले हो गए थोड़ा सा यश क्या मिला, दुनिया पर हसने लग गए थोड़ा सा रुप क्या मिला,… Read More

poem unemployed young

कविता : बेरोजगार नवजवान

आती हुई कार से एक नवजवान टकरा गया टांग टूटी, हाथ टूटा फिर भी मुस्कराते देख कार वाला चकरा गया, अस्पताल ले जाने के लिए जैसेही उठाया नवजवान धीरे से बोला – ‘प्लीज’ मुझे अस्पताल ना ले जाईये एक्सीडेंट से… Read More

poem In this lonely journey of memories

कविता : यादों के इस तन्हा सफर में

यादों के इस तन्हा सफर में, मनोहर, एक हमसफर की तलाश है … दुख के काले अंधियारों में , सुख के पुलकित राहों में , साथ जो निभा सके उम्र भर , मनोहर, एक हमराह की तलाश है .. यादों… Read More

kavi sammelan

कविता : शिर्षक बदल

जब महीने में पांचवी बार, काव्य पाठ की नौबत आयी , शीघ्रता में मैने भी वही कविता, शिर्षक बदल फिर एक बार सुनायी | तभी, श्रोताओ के बीच से, एक आवाज जोरदार आयी – ओये कालिदास के नाती , शरम… Read More

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कविता : माँ तेरी गोद में

वो जन्नत सा सुख कहाँ इस जग में , है जो माँ तेरी गोद में …. जब से मैने आँखें खोली , पाया खुद को तेरी झोली में , इस मखमली कोमल बिछावन में , वो चैन की नींद कहाँ… Read More