poem unemployed young

आती हुई कार से
एक नवजवान टकरा गया
टांग टूटी, हाथ टूटा
फिर भी मुस्कराते देख
कार वाला चकरा गया,

अस्पताल ले जाने के लिए जैसेही उठाया
नवजवान धीरे से बोला –
‘प्लीज’ मुझे अस्पताल ना ले जाईये
एक्सीडेंट से विकलांग हो गया तो
मेरी भी तकदीर खुल सकती है,

सालो की बेरोजगारी से
आरक्षण की बीमारी से
मुझे भी आजादी मिल सकती है
नौकरी नहीं अब कम से कम
भीख तो मिल सकती है।

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