poem sayd wahi payar hai

रातों को जब नींद ना आये,
दिल का चैन भी कहीं खो जाये,

याद आये कोई जो बारम्बार,
शायद वही है प्यार।

आँखों में खुमारी सी छा जाये,
सपनों में केवल वो ही वो आये,

हर पल रहे जिसका इंतज़ार,
शायद वही है प्यार।

जो जान से भी अजीज़ हो जाये,
दिल को उनके बिना कुछ भी न भाये,

पाने को जिसे दिल हो बेकरार,
शायद वही है प्यार।

आँखों से दूर होने पर जिनके अश्रु छलक जाये,
दूर जाते हुए भी जो नयनों में स्वपन दे जाये,

नजरें ढूंढे जिसे हर तरफ हर ओर,
पराया होकर भी अपना लगे, शायद वही है प्यार।

हर घड़ी हर पल जिसकी आवाज सुनायी दे,
निश दिन अंखियन में जिसकी तस्वीर छायी रहे,

जिसके बिना अब तो जीना भी लगे दु:श्वार,
शायद यही है मेरा प्यार, मेरा सच्चा प्यार।

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