क्रिस्टोफर नोलन पर विशेष

Memento से लेकर Dunkirk तक का सफर बड़ा ही रोचक रहा। नोलन साहब ऐसे फिल्म निर्देशक, लेखक एवं प्रोड्यूसर हैं जिनकी प्रत्येक फिल्में मैंने देखी हैं। आगामी फिल्म #Tenet का भी बेसब्री से इंतज़ार है।  पूरी दुनिया इनके काम की… Read More

जन्मदिन पर विशेष : “पर्सनल से सवाल करती हैं” गुलज़ार के गीतों की भावनाएं

भूमंडलीकरण ऐसी विचारधारा है जो भारत में पश्चिम से उधार ली गयी थी। उसका प्रचार प्रसार यह ‘लॉलीपाप’ दिखाकर किया गया कि अब भारत के लोग भी विदेशी युवाओं की तरह ‘पिज्जा बर्गर’ और ‘मैगी’ खा सकेंगे और चमचमाती कारों… Read More

मूवी रिव्यू : बाटला हाउस ‘ए हिडेन स्टोरी’

19 सितंबर 2008 में दिल्ली के ओखला इलाके में बाटला हाउस मकान नंबर L-18 में हुए एनकाउंटर की घटना की अनकही अनछुई स्टोरी से रूबरू कराती है ये फिल्म। जहां एक ओर दिल्ली पुलिस की अपनी सच्चाई है तो वहीं… Read More

शोध लेख : स्वतंत्रता पूर्व हिंदी सिनेमा में नृत्य

मूक दौर में नृत्य हिन्दुस्तानी सिनेमा में नृत्य का समावेश कैसे हुआ और किस प्रकार किन पड़ावों से गुज़रते हुए उसने अपना सफ़र तय किया आदि की विस्तार से चर्चा करने से पूर्व यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि भारत… Read More

हिंदी सिनेमा में हिंदी की स्थिति

भारत जैसे बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक परंपरा वाले देश में सिनेमा की व्यापक पहुंच ने इसे लोगों के मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम बना दिया है और इसमें हिंदी भाषा का व्यापक योगदान है।  1931 में पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’… Read More

फिल्म और वृत्तचित्र में अनुवाद की भूमिका

वैश्विक संदर्भों में अनुवाद की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। वर्तमान में वैश्विक सरोकारों के चलते अनुवाद एक आवश्यक सम्प्रेषण माध्यम बन चुका है। दरअसल दो अलग देशों, भिन्न संस्कृतियों, दो समुदायों के दो अलग भाषी लोगों के बीच… Read More

सिनेमा और अर्थव्यवस्था

जब कभी कला विशेषकर सिनेमा के बारे में बात की जाती है तो कुछ लोग ऐसा कहते है कि सिनेमा का अर्थव्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है।  हालांकि जब हम सिनेमा की गहन समीक्षा करते हैं तो पाते हैं… Read More

हॉलीवुड की तुलना में भारत में साहित्य का फिल्मांतरण इतना कम क्योँ ?

यह बात अक्सर मुझे तंग करती रही है कि भारत में और विशेष रूप से मुख्यधारा के हिन्दी सिनेमा में साहित्य पर बनने वाली फिल्मों की संख्या इतनी कम क्यों है। वैसे तो यह संख्या हमेशा ही बहुत कम रही… Read More

मौसम है आशिक़ाना ए दिल ऐसे में : मीना कुमारी

ना इंतज़ार, ना आहट, ना तमन्ना, ना उम्मीद… ज़िंदगी है कि यूँ ही बेहिस हो जाती है… मीना कुमारी ‘नाज़’ भारतीय सिनेमा की ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी रवींद्रनाथ ठाकुर के खानदान से ताल्लुक रखती थी। दिलीप कुमार जहाँ ट्रेजिडी किंग… Read More

मीना कुमारी : कोई होता जिसको अपना कह लेते…

आंखों के जरिये अपने अभिनय से सबके दिल में उतर जाने वाली हिंदी सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन महज़बीन बानों यानि कि मीना कुमारी (1 अगस्त 1933- 31 मार्च 1972)  का आज जन्मदिन है। इनके जीवन की बड़ी ही अजीब दास्तां… Read More