( महान संगीतकार शंकर-जयकिशन का यह व्यक्तिचित्र (पोर्ट्रेट) विश्व विख्यात वरिष्ठ चित्रकार प्रो. एस. प्रणाम सिंह Pranam Singh ने मेरी शीघ्र प्रकाशित होने वाली आगामी पुस्तक ‘सात सुरों का मेला’ हेतु विशेष रूप से अपनी तूलिका से गढ़ा है. उनका हार्दिक आभार एवं आत्मिक धन्यवाद !)

*चले जाना ज़रा ठहरो किसी का दम निकलता है* 
गायक मुकेश के उपलब्ध गीतों को प्रायः हम जिस रूप में अब तक सुनते आए हैं उनमें से कुछ गीत ऐसे भी हैं जो मूल रूप से एकल स्वर में रेकार्ड किए गए थे पर फ़िल्म में उसे कथानक अथवा दृश्य के आवश्यकतानुसार किसी अन्य रूप में प्रस्तुत किया गया है। फ़िल्म संगीत पर किए जा रहे अपने अनवरत शोध प्रक्रिया के अन्तर्गत मुझे ऐसे ढेरों गीत भी मिले जो उपलब्ध तथा प्रचलित गीत में निहित सामग्री के विपरीत अपना पृथक और स्वतन्त्र रूप लिए हुए थे। ऐसे भिन्न प्रकृति के गीतों में किसी गीत में अतिरिक्त अन्तरा है तो कोई गीत एकल स्वर में है या किसी गीत में सह गायक-गायिका का स्वर उपलब्ध गीत से पृथक है।
चले जाना ज़रा ठहरो
 https://www.youtube.com/watch?v=N6SjKNKnmII 
इसी प्रकृति का एक विशेष गीत है।

महान गीतकार हसरत जयपुरी का यह व्यक्तिचित्र (पोर्ट्रेट) विश्व विख्यात वरिष्ठ चित्रकार प्रो. एस. प्रणाम सिंह Pranam Singh ने मेरी शीघ्र प्रकाशित होने वाली आगामी पुस्तक ‘सात सुरों का मेला’ हेतु विशेष रूप से अपनी तूलिका से गढ़ा है. उनका हार्दिक आभार एवं आत्मिक धन्यवाद! (बायां चित्र)
महान मुकेश का यह व्यक्तिचित्र (पोर्ट्रेट) विश्व विख्यात वरिष्ठ चित्रकार प्रो. एस. प्रणाम सिंह Pranam Singh ने मेरी शीघ्र प्रकाशित होने वाली आगामी पुस्तक ‘भारत के प्रथम वैश्विक गायक मुकेश’ हेतु विशेष रूप से अपनी तूलिका से गढ़ा है. उनका हार्दिक आभार एवं आत्मिक धन्यवाद! (दायां चित्र)

शंकर-जयकिशन के संगीत में ढला फ़िल्म ‘अराउंड द वर्ल्ड’ (१९६७) का गीत ‘चले जाना ज़रा ठहरो किसी का दम निकलता है, ये मंज़र देख कर जाना, चले जाना’ भी इसी श्रेणी का एक गीत है। फ़िल्म तथा रेकार्ड पर यह गीत मुकेश और शारदा के युगल स्वरों में है जबकि पूर्व की परिकल्पना के अनुसार इस गीत को मुकेश के एकल स्वर में रेकार्ड किया गया था। फ़िल्म में जब आप इस गीत के फ़िल्माँकन पर ध्यान देंगे तो मेरी तरह ही सम्भवतः आपके मन-मस्तिष्क में भी यह विचार कौंधे कि फ़िल्म के दृश्य में जाने का हठ तो नायिका कर रही है परिणामस्वरूप नायक उसे रूक जाने का आग्रह करते हुए गा उठता है – ‘चले जाना ज़रा ठहरो किसी का दम निकलता है’। पर, इस दृश्य में जब नायिका के मुख से ‘चले जाना ज़रा ठहरो’ का बोल फूटता है तो कुछ अटपटा सा लगता है। नायक राज कपूर तो कहीं नहीं जा रहे थे, वो तो नायिका राजश्री थीं जो जाने को उतावली थी, ऐसे में उन्हें नायक राज को क्यों रूकने को कहना पड़ रहा था। फ़िल्म की कहानी में इसी कारण से ही मूल कहानी के दृश्य के अनुरूप यह गीत मुकेश के एकल स्वर में रेकार्ड किया गया था।
अब मैं अपने शोध तथा निजी सम्पर्क के सूत्रों से उपलब्ध सूचना के आधार पर इस गीत के पार्श्व की कथा से सम्बन्धित एकत्रित की गयी सामग्री के परिप्रेक्ष्य में इस गीत के एकल से युगल बनने की कहानी आपको बताता हूँ। शंकर-जयकिशन अपने संगीत से किसी भी कथानक या दृश्य का परिदृश्य बदलने में किस प्रकार सिद्ध हस्त थे उसका भी एक रूप इस गीत में आपको दिखेगा। गायिका के रूप में तब शारदा ने शंकर-जयकिशन के संगीत में आते ही लोकप्रियता के शीर्ष का वरण कर लिया था। शारदा राज कपूर के आमन्त्रण पर ही भारतीय सिने गीत-संगीत जगत में आयी थीं और उन्हें सिने गायकी में पारंगत करने का दायित्व राज ने शंकर-जयकिशन को सौंपा था। मुकेश के साथ इस गीत का अभ्यास (रिहर्सल) पूर्ण कर लेने के पश्चात् शंकर-जयकिशन के संगीत कक्ष में जब इसे रेकार्ड किया जा रहा था तब राज कपूर और इसके गीतकार हसरत जयपुरी भी वहाँ उपस्थित थे। गीत के रेकार्ड हो जाने के बाद राज ने यूँ ही बातों-बातों में कह दिया, इस पूरे गीत में मेरे साथ राजश्री कुछ नहीं बोलेंगी? जयकिशन तो चुप रहे पर शंकर बोल उठे, क्यों नहीं, हसरत मियाँ आप कुछ लिखिए तो हम देखते हैं। फिर क्या था, हसरत जयपुरी ने गीत के लिए कुछ और अन्तरे लिख दिए। शंकर ने शारदा को ध्यान में रख कर दो और अन्तरों को गीत में समायोजित किया और कुछ दिन बाद मुकेश का यह एकल गान शारदा के संग मिल कर युगल गीत बन गाया।

गायिका शारदा एवं गायक मुकेश

अब मेरे लिए मुकेश के गाए इस मूल एकल गीत को प्राप्त करने की चुनौती थी। अपने सम्पर्कों में मैंने कोलकाता के अपने पुरातन पारिवारिक मित्र भाई कमल बेरीवाला से कहा तो उन्होंने छूटते ही कहा कि मेरे पास वो मूल गीत है पर मुझे समय दीजिए ताकि मैं उसे अपने संग्रह से ढूँढ कर निकाल सकूँ। इस कार्य में कोलकाता के ही हमारे संगीत प्रेमी मित्र भाई अनूप गड़ोदिया का भी सहयोग मिला जिसके लिए मैं भाई कमल के साथ-साथ उनका भी विशेष आभार व्यक्त करता हूँ।
आप सभी संगीत प्रेमियों के समक्ष आज गायक मुकेश की पुण्य तिथि के अवसर पर यह गीत यहाँ उपलब्ध है जिसे आप यू ट्यूब के इस लिंक पर सुन कर अपनी सुरीली प्रतिक्रिया से हमें अवगत करा सकते हैं। मैं यहाँ यह स्पष्ट कर दूँ कि इस गीत पर किए गए शोध के लिए आप मेरा आभार व्यक्त करें या न करें पर इस दुर्लभ गीत को उपलब्ध कराने का सम्पूर्ण श्रेय भारत के वरिष्ठ रेकार्ड संग्रहकर्ता भाई कमल बेरीवाला Kamal Beriwala 

मैं (राजीव श्रीवास्तव) और सीनियर रिकॉर्ड कलेक्टर श्री कमल बेरीवाला

को ही जाता है जिस हेतु आप सीधे उनको ही अपना धन्यवाद ज्ञापित कर सकते हैं। पूर्व में भी समय-समय पर कमल भाई हमें दुर्लभ गीतों का उपहार देते आए हैं। उनका आभार एवं धन्यवाद ! 
गीत का सूत्र (लिंक) https://www.youtube.com/watch?v=N6SjKNKnmII
[गीत: चले जाना ज़रा ठहरो, फ़िल्म: अराउंड द वर्ल्ड (१९६७), गीतकार: हसरत जयपुरी, संगीतकार: शंकर-जयकिशन, गायक: मुकेश, शारदा]

गायक मुकेश और युवा कवि अत्रि भारद्वाज Atri Bharadwaja – बनारस के कार्यक्रम में (बायें चित्र में)
गायक मुकेश और नायिका नूतन – ‘सावन का महीना’ गीत का अभ्यास करते (दायें चित्र में)

महान गायक मुकेश के अनुपलब्ध गीतों की शृंखला में एक गीत और जुड़ गया है। शीघ्र प्रकाशित पुस्तक “भारत के प्रथम वैश्विक गायक मुकेश” से उद्धृत इस नवीनतम गीत का विवरण प्रत्येक संगीत प्रेमी के लिए एक सर्वथा सुखद प्रसंग है। गायक मुकेश के व्यक्तित्व-कृतित्व पर आधारित इस पुस्तक का आमुख स्व. संगीतकार ख़य्याम ने लिखा है। निधन के पूर्व ख़य्याम द्वारा किसी पुस्तक के लिए लिखा गया उनके जीवन का यह अन्तिम आलेख है। गायक मुकेश द्वारा विश्व की समस्त भाषाओं की जननी ‘देव वाणी’ के रूप में सुविख्यात ब्रह्माण्ड के प्राचीनतम् भाषा में गाए गए दुर्लभ-अनुपलब्ध गीत का संक्षिप्त विवरण इस प्रकाशनाधीन पुस्तक के पृष्ठों से आज महान मुकेश की पुण्य तिथि पर विशेष रूप से आप सभी के लिए यहाँ उपलब्ध कराया जा रहा है। 

नायक मुकेश (बायें चित्र में) युवा नितिन मुकेश, पं जगन्नाथ प्रसाद, मुकेश – दुर्लभ चित्र (दायें चित्र में)

देव वाणी ‘संस्कृत’ भाषा में भी मुकेश ने एक गीत गाया है जो एम. पारीख निर्मित फ़िल्म ‘श्री कृष्ण शरणम् ममः’ के लिए १९७२ में रेकार्ड किया गया था। श्री वल्लभाचार्य कृत ‘मधुराष्टकम्: धरम् मधुरम् वदनम् मधुरम्’ में श्री कृष्ण के आकर्षक व्यक्तित्व, सौन्दर्यमयी छवि, अनुपम भाव-भंगिमा का वर्णन मनोरम अभिव्यंजना के संग संस्कृत साहित्य में काव्य रूप में किया गया है। मुकुन्द गोस्वामी द्वारा स्वर बद्ध इस काव्य निधि को अपनी अमृत वाणी से सुशोभित किया है मुकेश ने। ‘अधरम् मधुरम् वदनम् मधुरम् नयनम् मधुरम् हसितम् मधुरम्, हृदयम् मधुरम् गमनम् मधुरम् मधुराधिपते रखिलम् मधुरम्’ श्लोक से प्रारम्भ श्री कृष्ण के अलौकिक सौन्दर्य का यह गान आठ मिनट का है जिसे मुकेश ने अपने स्वर से शृंगारित किया है।

मुकेश द सिंगर Mukesh, the Singer – a film by Dr Raajeev Shrivaastav

“भारत के प्रथम वैश्विक गायक मुकेश” के जीवन पर आधारित यह पुस्तक पूर्व में इस महान गायक पर प्रकाशित अन्य समस्त पुस्तकों तथा इन पर अभी तक निर्मित सभी वृत्तचित्रों से पृथक, वो सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया गया है जो अब तक अनभिज्ञ-अनुपलब्ध था। इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही महान मुकेश से सम्बन्धित ढेरों दुर्लभ प्रसंग, चित्र, घटनाक्रम तथा सूचनाएँ उनके महाप्रयाण के तिरालिस वर्षों के पश्चात् इसी वर्ष समस्त संगीत प्रेमियों के समक्ष प्रगट होगा। साहित्य, शास्त्रियता एवं सामाजिकता के स्तर पर यह पुस्तक अपनी प्रस्तुति में उसी प्रकार विशुद्ध है जिस प्रकार महान मुकेश का गायन वर्तमान में भी अतुलनीय एवं अद्वितीय है।
महान मुकेश की पावन स्मृति को नमन 

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One thought on “महान मुकेश की पुण्य तिथि (27 अगस्त) पर विशेष”

  1. Rajiv ji
    First Many Happy returns of the day. I am a huge Mukesh fan and learned few new things I was not aware thru your posts. My sincere thanks for sharing.. I was not aware of the movie Sri Krishna Is the stuti Adharam madhuram by Mukeshji Available anywhere. I did not find Mukeshji’s version on the net. Also same for the movie you had released , Singer Mukesh.
    Is the movie or the dvd of the movie available anywhere. I am also interested in the bools you published on Mukeshji.
    Thanks for your contribution on facebook. Just read your article on making of ” Aa an laut chale ” . What a iconic creation. Needless to say I am a big fan of Raj saab, Shailendra and SJ. However can’t come to terms with the fact that they omitted the first verse of the song from the movie.
    Again thanks for your input on fb. Keep it up.

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