वैश्विक संदर्भों में अनुवाद की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। वर्तमान में वैश्विक सरोकारों के चलते अनुवाद एक आवश्यक सम्प्रेषण माध्यम बन चुका है। दरअसल दो अलग देशों, भिन्न संस्कृतियों, दो समुदायों के दो अलग भाषी लोगों के बीच अनुवाद के महत्व को समझा जा सकता है। ऐसे में अनुवाद एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में अपनी भूमिका को निश्चित करता है। यह ज्ञान व कला की उपलब्धियों को अलग-अलग  भाषाओं में परिचित कराने का माध्यम है। अनुवाद के जरिये सिनेमा भी विश्वस्तरीय बन चुका है। यदि सिनेमा के क्षेत्र में अनुवाद की भूमिका पर हम बात करे तो इसके योगदान को विश्वस्तर पर रिलीज हुए वृत्तचित्रों (Documentary) और फिल्मों के सरोकारों को समझते हुए रेखांकित कर सकते हैं।

          फिल्म अनुवाद को व्यापक संदर्भ दृश्य-श्रव्य अनुवाद की विधा में रखा गया है। ये अनुवाद के अंतः भाषिक और अंतरभाषिक दोनों आयामों को समेटते हुए है। वृत्तचित्रों और फिल्मों के अनुवाद डबिंग और सबटाइटलिंग दो प्रकार किया जाता है। लेकिन इससे अलग देखें तो भी अनुवाद की उपयोगिता फिल्म निर्माण की प्रक्रिया के दौरान सहयोगी होती है जैसे आवश्यक स्क्रिप्ट और लेख सहित सभी लिखित सामग्रियों का अनुवाद होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिलीज के लिए फिल्म वितरित होने पर कई भाषाओं में डबिंग और सबटाइटलिंग की जा सकती है। फिल्म निर्माण के बाद की प्रक्रिया में अनुवाद की आवश्यकता होती है। अंतरराष्ट्रीय वितरण के लिए प्रचार सामग्री में मूवी ट्रेलर, ऑनलाइन सामग्री, टीवी, रेडियो और प्रिंट विज्ञापन का अनुवाद करके विभिन्न देशों में पहुंचाया जाता है, जिससे वहाँ के दर्शक अपनी मात्र भाषा में इससे जुड़ सकें। कुछ मामलों में, फिल्म निर्माण कंपनियों को विदेशों में फिल्म समारोह को प्रस्तुत करने के लिए उनके आवेदन और दस्तावेजों का अनुवाद करने की भी आवश्यकता होती है।

          फिल्म निर्माता और वृत्तचित्र निर्माता आम तौर पर अपनी फिल्म या वृत्तचित्र बनाने में विदेशी नागरिकों से व्यावसायिक व्यवहार के दौरान अनुवादकों के साथ काम करते हैं। यहाँ साक्षात्कार के साथ-साथ लेख भी शामिल होते हैं, जो पूरे प्री-प्रोडक्शन, रिसर्च की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं। फिल्म निर्माण प्रक्रिया के दौरान प्री-प्रोडक्शन में भी दुभाषिया शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए अलजजीरा, बी.बी.सी. , डिस्कवरी, नेशनल, ज्योग्राफिक जैसे कई चैनल अनुवाद के माध्यम से पूरे विश्व के सामाजिक और राजनीतिक, भौगोलिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को अपने कैमरे के माध्यम से उजागर करते हैं।

सबटाइटलिंग और डबिंग

          फिल्म जगत में डबिंग और सबटाइटलिंग फिल्म अनुवाद से जुड़े जाने-पहचाने शब्द हैं। डबिंग और सबटाइटलिंग विदेशी भाषा में सिनेमा (वृत्तचित्र और फिल्म)  बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले फिल्म अनुवाद का सबसे प्रचलित तरीका हैं। फिल्म अनुवाद, कुछ विशेषज्ञों द्वारा “फिल्म सिंक्रोनाइज़ेशन” भी कहा जाता है।

          डबिंग और सबटाइटलिंग अब विदेशी दर्शकों के लिए , फिल्म विपणन क्षेत्रों में प्रमुख भाग बन गए हैं। डबिंग शूट किए दृश्यों से शोरगुल या कहा जाए कि अवांछित ध्वनियों को हटाने के लिए ही नहीं बल्कि किसी वृत्तचित्र या फिल्म को अन्य भाषा में दुभाषिए के द्वारा अन्य भाषा में संवाद कहने के लिए भी बड़े स्तर पर डबिंग की जा रही है। डबिंग में, फिल्म के संवाद का ऑडियो ट्रैक बदल दिया जाता है ताकि लोग विदेशी भाषा के पात्रों को अपनी भाषा में सुन सकें। वास्तव में श्रव्य सामग्री का दोबारा और दूसरी भाषा में अनुकरण करना ही डबिंग है। सामान्य अर्थ में डबिंग स्क्रीन पर दिखाई देने वाले अभिनेता की आवाज को दुभाषिए कलाकार के द्वारा देना है, यह अन्य भाषा-भाषी भी हो सकता है। डबिंग –अनुवाद में समतुल्यता (Equivalence) के सिद्धांत का अपनाया जाता है। ऐसी कई उल्लेखनीय फिल्म हैं जिनमें इस सिद्धांत का बेहतर ढंग से निर्वहन कर एक बेहतर अनुवाद, हॉलीवुड फिल्में या अन्य देशों की फिल्मों का भारतीय दर्शकों को या भारतीय फिल्मों का अन्य देशों की भाषा में डबिंग अनुवाद के जरिए मिला है। आज तक टाइटेनिक, स्पाइडर मैन और अवतार जैसी फिल्में भारतीय दर्शकों के दिमाग पर छाई हुई हैं। इसी डबिंग अनुवाद ने हॉलीवुड की तमाम फिल्मों ने भारतीय दर्शकों को प्रभावित किया है। इन फिल्मों के डबिंग-अनुवाद में वो बेहतरी देखने को मिलती है जो भारतीय दर्शकों को बहुत गहरे तक जोड़ने में सफल रही है। यही बात कई वृत्तचित्रों के संबंध में भी देखने को मिलती है।

          सिनेमा अनुवाद के सस्ते और सरल प्रकार, सबटाइटलिंग को बहुतायत में प्रयोग किया जाता है। खासतौर पर वृत्तचित्रों में इसका प्रयोग आवश्यक बन चुका है। आज विभिन्न देशों और क्षेत्रों में विभिन्न भाषा के लोगों के बीच उनसे जुड़े सरोकारों पर वृत्तचित्रों का निर्माण किया जा रहा है। इन वृत्तचित्रों को विस्तारित करने में मुख्य रूप से प्रचालित है।

          किसी अन्य भाषा में लिखित ‘कैप्शन’ फिल्म के निचले हिस्से में दिखाए जाते हैं, जिसे प्रत्येक दृश्य के लिए फिल्म के वार्तालाप के साथ सिंक्रोनाइज़ (Synchronize) किया जाता है। जैसा कि न्यू ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ इंग्लिश में बताया गया है, “सबटाइटलिंग सिनेमा के नीचे प्रदर्शित कैप्शन हैं या टेलीविज़न स्क्रीन जो वार्तालाप या कथा का अनुवाद या प्रतिलेखन करती है, शब्द मुद्रित या अतिसंवेदनशील ध्वनि ट्रैक पर जो कहा जा रहा है उसका अनुवाद करने के लिए विदेशी/ अलग-अलग क्षेत्रीय भाषा में फिल्म”। हम कह सकते हैं कि सबटाइटलिंग मूल दृश्य छवियों पर चिपकाए जाते हैं और कभी-कभी यह मूल की अखंडता के मामूली नुकसान का कारण भी बनते हैं।

          सबटाइटलिंग डबिंग से अधिक सरल है, फिर भी अनुवादक को विभिन्न संस्कृतियों का गहन ज्ञान होना चाहिए और शब्दों का अर्थ पूरी तरह से व्यक्त करने के लिए शब्दों का उपयोग कैसे किया जाना है इसमें पारंगत होना चाहिए।

          फिल्मों के लिए अनुवाद करना बहुत मेहनत और समर्पण का कार्य होता है। काम करते समय, अनुवादक सामान्य रूप से एक स्क्रिप्ट बनाते हैं, जो स्रोत भाषा में उपयोग की जाने वाली स्क्रिप्ट पर आधारित होता है, जिसे वर्णों और मुँह के फैलाव के साथ सिंक्रोनाइज़ (Synchronize) किया जाता है। यह संवाद लक्ष्य भाषा में सटीक रूप से प्रस्तुत किया जाता है।

          वास्तव में फिल्मों का अनुवाद खासतौर पर डबिंग अनुवाद करना एक कठिन कार्य है। इसके अनुवाद में अनुवादक को भाषा के हर एक पक्ष जैसे – गति , मुखरता और प्रवाह का तो ध्यान रखना ही होता है इसके साथ ही अनुवादक को अभिनेता के मुख से निकली मूलभाषा की ध्वनियों के कारण हुए होठों के फैलाव का भी सबसे अधिक ध्यान रखा जाता है । इसके अतिरिक्त अभिनेता के मुँह से निकली मूल भाषा की ध्वनियों से हुए होठों के सम-क्रमीकरण और फैलाव (Lip Synchronization) का भी अधिकाधिक ध्यान रखा जाता है। यदि अनुवादक ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो शब्दों और मुँह के फैलाव में तालमेल ठीक नहीं बैठता। इस संदर्भ में प्रमुख निर्माता-निर्देशक सत्यजीत रे का कहना है कि “डबिंग फिल्म का अनुवादक एक ऐसी फिल्म को लक्ष्य भाषा में शब्द देता है, जिसने पहले ही छवि और रूप प्राप्त कर लिया है।”  इसलिए डबिंग अनुवाद में अनुवादक को हर समय सतर्क रहते हुए डबिंग के व्याकरण को समझना होता है। सरल वार्तालापों को लक्षित भाषा को बोलचाल के और उद्योग में मानक शर्तों को पूरा करना जरूरी होता है। सबटाइटलिंग को समय की सीमाओं के अनुरूप होना चाहिए। सबटाइटलिंग भी स्क्रीन पर देखे गए दृश्य और ध्वनि के साथ समन्वयित होना चाहिए। सबटाइटलिंग को एक फिल्म प्रॉडक्ट के बोले गए या लिखित स्रोत टेक्स्ट के अनुवाद के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

          सबटाइटलिंग अधिक सीमित होता है। अनुवादकों को तकनीकी, राजनीतिक, चिकित्सा, कानून प्रवर्तन, राजनयिक शर्तों और अन्य क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले अन्य शब्दों जैसे सांस्कृतिक संकेतों से अवगत होना चाहिए जो किसी अन्य भाषा में अनुवाद करना कठिन होता है। पाठ पर दिखाए जा सकने वाले पाठ की संख्या (लगभग 30 से 60 वर्ण) दिए जाने के बाद अभिव्यक्तियों और भावनाओं को उपशीर्षक (Subtitling) का उपयोग करके प्रदर्शित करना आसान नहीं होता है। सबटाइटलिंग अनुवाद में अक्सर बातचीत के भावनात्मक पक्ष को शामिल किया जाता है, जिसे सामान्य और संक्षिप्त शब्दों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है जो उस जगह में फिट होते हैं।  सबटाइटलिंग केवल कुछ सेकंड के लिए ऑनस्क्रीन (Subtitling) दिखाई देती है, इसलिए दर्शक को समझना चाहिए कि उन अनमोल सेकंड में क्या कहा गया है, यदि संवाद में हिचकिचाहट है, तो सबटाइलिंग स्क्रीन पर लंबे समय तक छोड़े जा सकते हैं लेकिन यह अक्सर नहीं होता है। सबटाइटलिंग करने में एक कठिनाई टाइम-कोड की होती है, जिसके लिए समय सीमा निर्धारित होती है। ठीक इसी तरह डबिंग में भी समय-सीमा बहुत महत्वपूर्ण है। अनुवादित मूलपाठ की लंबाई मूलपाठ के अनुरूप होनी चाहिए।

निष्कर्ष : आज के भूमंडलीकरण के दौर में जन-संचार ने मनोरंजन के साथ-साथ सूचना और ज्ञान के क्षेत्र में लोगों के बीच अपनी व्यापक पकड़ बनाई है। अतः फिल्म और वृत्तचित्र तथा अन्य टीवी कार्यक्रमों को विश्व स्तर पर प्रसारित करने के लिए डबिंग और सबटाइटलिंग अनुवाद की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह अनुवाद स्थानीय, क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं में किया जाता है।                                                  

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