मूवी रिव्यू : साहो – दर्शकों की अपेक्षाओं का दुःखद अंत

फिल्म बाहुबली ने भारतीय सिनेमा इतिहास को अलग मुकाम पर ले जाने का प्रयास किया था जिसमे फिल्म काफी हद तक सफल भी साबित हुई थी। बाहुबली फिल्म के स्टार रहे, दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता प्रभास की… Read More

खेल दिवस पर विशेष : खेल पर बनी फिल्में

आज राष्ट्रीय खेल दिवस है। हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के सम्मान में उनकी जयंती (29 अगस्त 1905- 3 दिसम्बर, 1979) के अवसर पर पूरे देश में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी सिनेमा… Read More

मूवी रिव्यू : मिशन मंगल

Jingoism से दूर, प्रेरणा एवं मनोरंजन से भरपूर फिल्म – “मिशन मंगल”फिल्म अच्छी बनाई गई है। जिस तरीके से तथ्यों एवं घटनाओं को दिखाया गया है वह वाक़ई अध्भुत है। फ़िल्मी कसावट से भरपूर एवं दर्शकों की हृदय गति को… Read More

मूवी रिव्यू : ‘सोनचिड़िया’

 “बैरी बेईमान … बागी सावधान” निर्देशक – अभिषेक चौबे। लेखन – अभिषेक चौबे, सुदीप शर्मा। कास्ट – मनोज बाजपेयी, आशुतोष राणा, सुशांत सिंह राजपूत, भूमि पेडनेकर, रणवीर शौरी, जतिन सरना, सत्य रंजन।                   … Read More

महान मुकेश की पुण्य तिथि (27 अगस्त) पर विशेष

( महान संगीतकार शंकर-जयकिशन का यह व्यक्तिचित्र (पोर्ट्रेट) विश्व विख्यात वरिष्ठ चित्रकार प्रो. एस. प्रणाम सिंह Pranam Singh ने मेरी शीघ्र प्रकाशित होने वाली आगामी पुस्तक ‘सात सुरों का मेला’ हेतु विशेष रूप से अपनी तूलिका से गढ़ा है. उनका हार्दिक आभार… Read More

क्रिस्टोफर नोलन पर विशेष

Memento से लेकर Dunkirk तक का सफर बड़ा ही रोचक रहा। नोलन साहब ऐसे फिल्म निर्देशक, लेखक एवं प्रोड्यूसर हैं जिनकी प्रत्येक फिल्में मैंने देखी हैं। आगामी फिल्म #Tenet का भी बेसब्री से इंतज़ार है।  पूरी दुनिया इनके काम की… Read More

जन्मदिन पर विशेष : “पर्सनल से सवाल करती हैं” गुलज़ार के गीतों की भावनाएं

भूमंडलीकरण ऐसी विचारधारा है जो भारत में पश्चिम से उधार ली गयी थी। उसका प्रचार प्रसार यह ‘लॉलीपाप’ दिखाकर किया गया कि अब भारत के लोग भी विदेशी युवाओं की तरह ‘पिज्जा बर्गर’ और ‘मैगी’ खा सकेंगे और चमचमाती कारों… Read More

मूवी रिव्यू : बाटला हाउस ‘ए हिडेन स्टोरी’

19 सितंबर 2008 में दिल्ली के ओखला इलाके में बाटला हाउस मकान नंबर L-18 में हुए एनकाउंटर की घटना की अनकही अनछुई स्टोरी से रूबरू कराती है ये फिल्म। जहां एक ओर दिल्ली पुलिस की अपनी सच्चाई है तो वहीं… Read More

शोध लेख : स्वतंत्रता पूर्व हिंदी सिनेमा में नृत्य

मूक दौर में नृत्य हिन्दुस्तानी सिनेमा में नृत्य का समावेश कैसे हुआ और किस प्रकार किन पड़ावों से गुज़रते हुए उसने अपना सफ़र तय किया आदि की विस्तार से चर्चा करने से पूर्व यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि भारत… Read More

हिंदी सिनेमा में हिंदी की स्थिति

भारत जैसे बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक परंपरा वाले देश में सिनेमा की व्यापक पहुंच ने इसे लोगों के मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम बना दिया है और इसमें हिंदी भाषा का व्यापक योगदान है।  1931 में पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’… Read More