आज से 36 साल पहले ‘बेताब’ फ़िल्म के ढाई किलो के हाथ वाले डायलॉग से आज भी सिने प्रेमियों के दिल में जगह कायम रखने वाले सनी देओल के बेटे करण देओल ने सिनेमा की दुनिया में कदम रख दिया है। फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ की शूटिंग पहाड़ियों के एक रोमांटिक हिस्से में फिल्माई गई फिल्म है। फिल्म की लगभग शूटिंग मनाली में शूट की गई है। जहाँ इस फ़िल्म की टीम ने ज़ीरो डिग्री टेम्परेचर में भी शूटिंग की थी। फिल्म की शूटिंग मनाली और मुंबई के अलावा दिल्ली और नोएडा के भी कुछ हिस्सों में शूट हुई है। फिल्म में सन्नी के बेटे करण के अपोजिट हीरोइन सहर बंबा नजर आई हैं। फ़िल्म के डायरेक्टर हैं सनी देओल और इसके निर्माता हैं करण के दादा धर्मेंद्र। उम्मीद की जा रही थी सनी के बेटे और धर्मेंद्र के पोते के पहले कदम की धमक पूरे बॉलीवुड में सुनाई देगी। और वे ढाई किलो का हाथ साबित होंगे लेकिन फ़िल्म इन सभी उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेरती नजर आती है। बेटे को स्थापित करने के लिए सनी देओल ने पैसा तो पानी की तरह बहा दिया लेकिन लव, रोमांस, एडवेंचर और एक्शन से भरी यह फिल्म कहानी, एक्टिंग और म्यूजिक के मामले में मात खा गई। फिल्म की कहानी की शुरुआत मनाली से होती है। जहाँ के सबसे महंगे एडवेंचर रिसॉर्ट के मालिक करण के रिसॉर्ट में वीडियो ब्लॉगर सहर घूमने आती है। उसे यह शक होता है कि इस रिसॉर्ट में कुछ तो गड़बड़ है जो ये इतने रुपये चार्ज कर रहा है। सहर पांच दिन की यात्रा पर मनाली पहुंचती है और खुद रिसॉर्ट का मालिक करण उसे एडवेंचर कराता है। इसी एडवेंचर के दौरान करण सहर के गाना गाने की कला की तारीफ करता है और दोनों एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। सहर वापस लौटती है और उसका दिल करण के पास यानी मनाली में ही छूट जाता है। इधर आशिकी में पड़ चुके करण का भी बुरा हाल है। पहले मां बाप छोड़ गए और अब सहर। इत्तेफाक से सहर का मैसेज आता है कि वह किसी कैफे में गाना गाने वाली है और उसे डर लग रहा है। यह डर दूर करने को करण दिल्ली पहुंच जाता है और भरे कैफे में पूरे परिवार के सामने सहर को आई लव यू बोल देता है। यह बात सहर के एक्स बॉयफ्रेंड वीरेन को खटक जाती है और वह करण का दुश्मन बन जाता है। इसी दुश्मनी में मारपीट होती है और सहर छत से गिर जाती है। इसके बाद क्या कुछ होता है इस प्यार भरी कहानी में ये जानने के लिए आपको जाना होगा सिनेमाघर। वैसे आजकल हर नया कलाकार एक प्रेम कहानी से ही अपने फिल्मी कैरियर का डेब्यू करता नजर आ रहा है। इसके पीछे कारण है कि लोगों को प्रेम कहानियाँ सुनने में दिलचस्पी है। लेकिन इसे पूरी तरह भुना पाने में निर्माता निर्देशक नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हिंदी सिनेमा में बिना किसी तैयारी के मैदान में उतर जाना करण देओल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बेहतरीन संवाद अदायगी के लिए मशहूर दादा धर्मेंद्र और पापा सनी देओल से उन्हें अभी काफी सिनेमा का ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ सीखने की बहुत जरूरत है। फिल्म में एक्टिंग के मामले में वह काफी कमजोर रहे हैं, वहीं अभिनेत्री सहर बंबा ने अपने रोल के लिए ठीक ठाक अभिनय किया है। फिल्म की कहानी में कुछ ट्विस्ट होते तो बात बन सकती थी। ऐसे समय में जब एक के बाद एक सेलेब किड्स बॉलीवुड डेब्यू को तैयार हैं, तब तो करण देओल को और तैयारी के साथ स्क्रीन पर आना चाहिए था। सेलेब किड्स को ये बात जान लेनी चाहिए कि उनके पिता या दादा या मां के नाम पर उनका सिक्का नहीं जमने वाला है। और ना ही केवल बर्फ, खूबसूरत वादियां, महंगी कार और हैलीकॉप्टर दिखाकर आज के दर्शक को इंप्रेस किया जा सकता है। राजू सिंह और ऋषि रिच का बैकग्राउंड स्कोर बेहतर है। हिमांशी धामेजा और रागुल धरमन की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। हिमाचल प्रदेश के स्थानों को खूबसूरती से फ़िल्म में फिल्माया गया है। रसूल पकुट्टी का साउंड डिज़ाइन फ़िल्म में प्रभाव छोड़ता है। अमरदीप बहल और टीना धरमसी की प्रोडक्शन डिजाइन आकर्षक है। निहारिका खान और विशाखा कुँवरवार की वेशभूषा बहुत ही ग्लैमरस है। विक्रम दहिया के एक्शन अच्छे हैं। प्राइम फोकस का वीएफएक्स काफी ठीक है। बस नहीं है तो कायदे की कहानी और अभिनय।
#पल पल दिल के पास
अपनी रेटिंग : 2 स्टार
फिल्म : पल पल दिल के पास
स्टार कास्ट : करण देओल, सहर बाम्बा
निर्देशक : सनी देओल
प्रोड्यूसर : धर्मेंन्द्र