पहचान एक होगी मेरे नाम के लिए मैं जाना जाऊंगा तो मेरे काम के लिए ये उम्र है करने की अभी कर ले यूं ना डर जीवन पड़ा हुआ है फिर आराम के लिए यूं ही नहीं खिलता है चमन… Read More

पहचान एक होगी मेरे नाम के लिए मैं जाना जाऊंगा तो मेरे काम के लिए ये उम्र है करने की अभी कर ले यूं ना डर जीवन पड़ा हुआ है फिर आराम के लिए यूं ही नहीं खिलता है चमन… Read More
लोक संवेदनाओं के कलेवर में लिपटा काव्य संकलन ‘ये गाड़ियां लुहार’ समकालीन हिंदी साहित्य में लोक चेतना विषय से जुड़कर लिखने वाले लेखकों की कमी ही रही है। विज्ञान और तकनीकी के युग में यह चेतना नष्ट प्राय: होती जा… Read More
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‘पतहर’ पत्रिका के तत्वाधान में नागरी प्रचारिणी सभा के तुलसी सभागार में विभूति नारायण ओझा द्वारा संपादित आलोचनात्मक पुस्तक “ग़ज़लकार डी एम मिश्र : सृजन के समकालीन सरोकार” का लोकार्पण सहपरिचर्चा एवं काव्य पाठ का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम को… Read More
सामाजिक समरसता की स्थापना के प्रयास में काव्य संग्रह “समवाद के उजाले में” सुरेश चन्द्र प्रमुख दलित साहित्यकार के नाम से जाने जाते हैं, जो वर्तमान में दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया में भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष के रूप… Read More
हिंदी साहित्य में हरेक विधा का अपना प्रभाव होता है। लेखक या कवि अपना संदेश लोगों तक साहित्य की विधा के माध्यम से पहुंचा देते हैं। हर विधा का अपना ढांचा और कार्यशैली होती है। कविता में कवि कम शब्दों… Read More
हिंदी साहित्य में विमर्शों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे समाज की दबी हुई आवाज आम जनता तक दस्तक दे रही है। इन विमर्शों में आदिवासी और दलित की आवाज का शोर दूर तक लोगों को प्रभावित कर रहा है। दलित… Read More
दिनांक 15/04/2025 को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के हिन्दी विभाग के रामचंद्र शुक्ल सभागार में विभागाध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ अनूप के संरक्षण में डॉ. सुनील कुमार शर्मा के ग़ज़ल संग्रह ‘तीरगी में रौशनी’ पुस्तक का लोकार्पण संपन्न हुआ। जिसमें देश भर… Read More
शोध सार:- रामकथा भारतीय संस्कृति, साहित्य और कलाओं में गहरे तक व्याप्त एक महत्त्वपूर्ण आख्यान है। यह कथा भारतीय जीवन दर्शन, नैतिक मूल्यों और सांस्कृतिक परंपराओं का आधार है। इस शोध में रामकथा के भारतीय कला और साहित्य पर… Read More
जिस दिन तुम्हारी दृष्टि में पथ-गंतव्य अभिन्न प्रतीत होने लगे समझ लेना, तुमने उपलब्धि की उस प्रमाणित रेखा को मिटा दिया है। जिस दिन प्रसन्नता और मुस्कुराहट में फर्क करना कठिन हो जाए समझ लेना तुमने अपने मन को स्वयं… Read More