पहचान एक होगी मेरे नाम के लिए
मैं जाना जाऊंगा तो मेरे काम के लिए
ये उम्र है करने की अभी कर ले यूं ना डर
जीवन पड़ा हुआ है फिर आराम के लिए
यूं ही नहीं खिलता है चमन में कोई गुलाब
माली का लहू लगता है अंजाम के लिए
वो क्या नशा कि खोल के बोतल गटक गए
अदबो रिवाज होते हैं कुछ जाम के लिए
कहने दो ज़माने को सिर्फ दिल की तुम सुनो
हर कोई नहीं होता है हर काम के लिए
उस शख्स की यादों से न बाहर निकल सका
क्या कुछ नहीं किया दिल-ए-नाकाम के लिए
ये लालकिले से जो फहरते हैं तिरंगे
कितनों का खून लगता है इस काम के लिए