Happy Fathers Day

कविता : पिता शेर होता है चीता होता है

पिता होने के एहसास से,एक पिता जीता रहता है। साब ! वो पिता, पिता नहीं, शेर होता है चीता होता है॥ जो ऊँगली पकड़कर कभी चलना सिखाता है। वो बचपन में लोरी गा-गा कर कभी सुलाता है॥ हमारे झूठे नखरों… Read More

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फ़िल्म समीक्षा : गुलाबो सिताबो

कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में गुलाबो सिताबो पहली फ़िल्म बन गई है जो सीधा ओ टी टी प्लेटफॉर्म (अमेजन) पर रिलीज की गई है। अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की यह फ़िल्म पिछले काफी समय से चर्चित रही है… Read More

Mehdi Hassan

पुण्यतिथि पर विशेष : गजल गायकी के बेताज बादशाह मेहदी हसन

गजल गायकी में मेहदी हसन का वही स्थान है जो हीरों में कोहिनूर का। मेहदी हसन खानदानी कलाकार हैं। वे कलावंत संगीत घराने की 15 पीढ़ी में जन्मे थे। विरासत में मिली गायकी की प्रतिभा को मेहदी ने निरंतर रियाज… Read More

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गीत : दम न निकल जाये

न वो कुछ कह सकते है, न हम कुछ सुन सकते है। दिलो की पीड़ा को हम, व्या कर सकते नही। लगी है आग सीने में, बुझाए इसे किस तरह। न वो कुछ कहते है, न हम कुछ कहते है।।… Read More

Dimple Kapadia

जन्मदिन विशेष : डिंपल कपाड़िया

बोल्ड, इंटेस और ब्यूटीफुल डिंपल डिंपल कपाड़िया के जीवन की कहानी भी पूरी फिल्मी है। उनकी जिंदगी जबरदस्त उतार – चढ़ाव से भरपूर रही है। महज 16 साल की कमसिन उम्र में उन्हें 1973 में हिंदी सिनेमा के ग्रेटेस्ट शोमैन… Read More

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अरब सिनेमा और मोहम्मद दियाब

विश्व सिनेमा में ईरान का इतना ज्यादा दबदबा है कि अरब सिनेमा की ओर आम तौर पर हमारा ध्यान कम जाता है। मुस्लिम बहुल देशों में ईरान के बाद तुर्की के सिनेमा ने भी अच्छी शोहरत बटोरी है। लेकिन पिछले… Read More

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ग़ज़ल : इक दिन ये माटी ही तेरी कहानी बनेगी

इक दिन ये माटी ही, तेरी कहानी बनेगी यारा तेरी फितरत ही, तेरी निशानी बनेगी भूल जायेगी तेरी शक्ल ओ सूरत ये दुनिया, बस तेरी करनी ही, सब की जुबानी बनेगी गर निकाल दे अंदर से ये हवस का जिन,… Read More

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कविता : सबको मज़ाक लगता है

अब तो मेरा दर्द भी, सबको मज़ाक लगता है मेरा तो अब रोना भी, सबको मज़ाक लगता है कर देते हैं कभी दोस्त ज़िक्र मेरे हालात का, यारों का ये जज़्बा भी, सबको मज़ाक लगता है भला इस बेखबर दुनिया… Read More

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कविता : अजनबी पर दोस्त

ज़रा सी दोस्ती कर ले.., ज़रा सा साथ निभाये। थोडा तो साथ दे मेरा …, फिर चाहे अजनबी बन जा। मिलें किसी मोड़ पर यदि, तो उस वक्त पहचान लेना। और दोस्ती को उस वक्त, तुम दिल से निभा देना।।… Read More

पुस्तक समीक्षा : धूप-छांव-एक प्रेमपरक पूर्ण अनुभूति है

पुस्तक शीर्षक : धूप-छाँव लेखक : उदय राज वर्मा ‘उदय’ मूल्य : 250 रूपये प्रकाशक : द इंडियन वर्डस्मिथ, पंचकुला ‘धूप-छांव’ काव्य संग्रह के रचयिता कविवर उदयराज वर्मा ‘उदय’ का जन्म मल्लिक मोहम्मद जायसी की धरा अमेठी (उत्तरप्रदेश) में होलिका… Read More