किस तरह शब-ओ-सुबह कह दूं तुम्हें तुम सिर्फ़ मेरी तुम दो तो कोई वजह कह दूं तुम्हे तुम सिर्फ मेरी ग़म – ए – गेसू की ये तह कह दूं तुम्हे तुम सिर्फ़ मेरी तुम ख़ुदा हो किस तरह कह… Read More

किस तरह शब-ओ-सुबह कह दूं तुम्हें तुम सिर्फ़ मेरी तुम दो तो कोई वजह कह दूं तुम्हे तुम सिर्फ मेरी ग़म – ए – गेसू की ये तह कह दूं तुम्हे तुम सिर्फ़ मेरी तुम ख़ुदा हो किस तरह कह… Read More
मै मानता हूं तेरा गुनाहगार हूं. तुम आज वर्षो बाद मिल रही हों. तुम्हें मुझसे कई सारी शिकायते हो रही है कि- “मैं कहा करता था कि तुम मेरी लिए देवी हो. मै तुम्हारें सिवाय किसी की इबादत कर ही… Read More
तुम देवी हो या चुड़ैल..? मै मानता हूं तेरा गुनाहगार हूं. तुम आज वर्षो बाद मिल रही हों. तुम्हें मुझसे कई सारी शिकायते हो रही है कि- “मैं कहा करता था कि तुम मेरी लिए देवी हो. मै तुम्हारें सिवाय… Read More
इश्क़ में दो पल ज़रूरत से हां कुछ ज़्यादा लगेंगे इस जनम में गर नहीं तो उस जनम में हीं मिलेंगे लाख़ दुश्मन हो ज़माने में ज़ुदा कैसे करेंगे आशनाई की हिफ़ाज़त जब ख़ुदा ख़ुद ही रखेंगे गर जो … Read More
धोखे से पाई सफलता क्या सच में सफलता है? चांद बुलंदी पे है फिर भी दाग़ तो दिखता है रोज़ उसे ही लिखा मैंने कश्मकशीं देखों. इश्क़ मेरा वो किसी ओ को ही समझता हैं इश्क़ को मैंने जवानी का… Read More
माता सरस्वती की महिमा अपरम्पार रे, तु तो श्वेत हंस पे करती सदा सवार रे, जिस पर तेरी कृपा दृष्टि बन जाती है, मूर्ख से मूर्ख भी बन जाता होशियार रे, कालिदास और तुलसी हुए कैसे विद्वान, तेरी कृपा दृष्टि… Read More
तलवार से नहीं किसी भी वार से नहीं. ख़ामोश इश्क़ मिटता है हथियार से नहीं. मैंने ये तो नहीं कहा तुम इश्क़ मत करो. गर तुम करो इश्क़ तो अधिकार से नहीं. देखूं मैं ख़्वाब में तुम्हें मतलब तो… Read More
कितनी जाने लेकर जाओगे तुम कोरोना, कितना और जुल्म बढ़ाओगे तुम कोरोना, बेबस -लाचारों की रोजी-रोटी को छीन कर, किस तरह से खुश रह पाओगे तुम कोरोना? हमारे ही कुछ अमानवीय, सतत् नरसंहार से, हो रहे जीव – जंतुओं पे,… Read More
मेरे गाँव की धरती, रूठी-एकांत सी बैठी है। नित्य होते देख गाँव से शहर को पलायन, कुछ ठगी-ठगी, हैरान-परेशान सी बैठी है। लहलहाती खेतो में, निरस-उदास सी बैठी है। मुस्कुराती खिली कालियो में, बेबस-मुरझाई सी बैठी है। कल-कल नदी की… Read More
क्लेश बाटेंगें तो, क्लेश ही पाएँगे। गर आनंद बाटेंगें तो, आनंद ही पाएँगे।। जिस दिन इस रहस्यमयी, प्रसंग को जान जाएँगे। उस दिन हम सभी, कामयाब हो जाएँगे !!1!! मिथ्या ज्ञान बाटेंगें तो, अंधकार हीं पाएँगे। गर सत्ज्ञान बाटेंगें तो,… Read More