तेरे मुस्कराने का मुझको न जाने क्यों आभास होता है। तेरी तस्वीर बनाने का मेरा दिल क्यों कहता है। न हमने तुमको देखा है न तुमने हमको देखा है। फिर भी तुमसे मिलने को मेरा दिल क्यों कहता है।। पलक… Read More

तेरे मुस्कराने का मुझको न जाने क्यों आभास होता है। तेरी तस्वीर बनाने का मेरा दिल क्यों कहता है। न हमने तुमको देखा है न तुमने हमको देखा है। फिर भी तुमसे मिलने को मेरा दिल क्यों कहता है।। पलक… Read More
न देखो तुम अब मुझको कुछ इस तरह से। मुझे कुछ भी नहीं होता तेरे अब देखने से। बड़ी मुश्किल से संभाली हूँ तुम्हारी उस बेवफाई से। मुझे जी कर दिखाना है तुम्हारे उस दुनियां को।। मेरा जीना तेरी हार… Read More
गुरु पद, गोविंद से बड़ा, गोविंद गुरु अनेक। गर गुमान/गुरुर गुरु से अलग, गोविंद ऊपर पेठ। बने मनुष जो मनुष मन, अहं, काम क्या काम। मृत्युलोक तब स्वर्ग सम, *अजस्र* पुरुषार्थी राम। +460
बना है मौसम कुछ ऐसा की दिल खिल उठा है। नजरा देखो बाग का कैसे फूल खिल रहे है। जिन्हें देख कर हमारी मोहब्बत मचल उठी है। और उनकी यादों में खोकर तड़पने हम जो लगे है।। बनाया था इसी… Read More
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं! +10
क्यों हिंदी हिंदी करते हो, हिंदी का दम क्यों भरते हो, है तो बस एक भाषा ही, क्यों घमंड इसका करते हो। अस्तित्व है ये सिर्फ़ भाषा नही, प्रगति की है अब आशा यही, है जन जन को ये जोड़ती,… Read More
भारत मां के भाल पर सजी स्वर्णिम बिंदी हूं, मैं भारत की बेटी आपकी अपनी हिंदी हूं, हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! 00
हिन्दी सीखे और सिखाएं, हो हिन्दी प्रसार । राजभाषा से राष्ट्रभाषा तक, हो हिन्दी विस्तार । हिन्दी सज्जित हो विश्व गुलिस्ता, शीघ्र ही जगत- जुबान । आओ ! अजस्र हम सहर्ष करे, अपनी हिन्दी से प्यार । हिन्दी सी कोई… Read More
सत्य एक, बीती दो रात है ये दो चांदनी, फिर कहे कोई बात है रूको नहीं, झुकों नहीं दिन भी है, फिर रात है। दिशा प्रशस्त हो चुकी कदम – कदम पे कलम धार है जो रूके नहीं चलते चले… Read More
मेरे मुस्कराने का तुझे भला क्यों इंतजार है। तेरे आँखो में क्या मेरे लिए प्यार है। तभी तो तुम मुझे हमेशा खोजते हो। पर अपने दिलकी बातें क्यों कह नहीं रहे हो।। तेरे मुस्कराने का मुझे सदा एहसास होता है।… Read More