न देखो तुम अब मुझको
कुछ इस तरह से।
मुझे कुछ भी नहीं होता
तेरे अब देखने से।
बड़ी मुश्किल से संभाली हूँ
तुम्हारी उस बेवफाई से।
मुझे जी कर दिखाना है
तुम्हारे उस दुनियां को।।
मेरा जीना तेरी हार है
तेरा जीना मेरी जीत है।
मोहब्बत का तुमने तब
बहुत मजाक बनाया था।
मुझे दुनियां के सामने
तुमने बहुत सताया था।
मगर मेरी हिम्मत ने
मुझे जीना सिखा दिया।।
न दिलमें अब मोहब्बत है
न ये दिल धड़कता है।
किसी की हम दर्दी का
न ही असर होता है।
बहुत कुछ देख चुकी हूँ
जमाने के इस दौर को।
जहां सब कुछ मिलता था
बस दौलत के जोर से।।
हकीकत तब समझ पाते
जब हम लूट जाते है।
हमारे भावनाओं से
जब वो खेल जाते है।
लगाकर दाग दिल पर
तड़पने छोड़ देते है।
फिर अपनी दुनियां में
वो लौट जाते है।।