वो परदेशी जाना नहीं, मेरा गांव बहुत ही प्यारा है। गांव का नाम है, प्रेम नगर, और मेरा नाम भी प्यारा है॥-2 वो परदेसी जाना नहीं …… गांव की मेरी हर बात निराली है, मिश्री से मीठा कुंवे का पानी… Read More

वो परदेशी जाना नहीं, मेरा गांव बहुत ही प्यारा है। गांव का नाम है, प्रेम नगर, और मेरा नाम भी प्यारा है॥-2 वो परदेसी जाना नहीं …… गांव की मेरी हर बात निराली है, मिश्री से मीठा कुंवे का पानी… Read More
मेरे दिल मे बसे हो तुम, तो में कैसे तुम्हे भूले। उदासी के दिनों की तुम, मेरी हम दर्द थी तुम। इसलिए तो तुम मुझे, बहुत याद आते हो। मगर अब तुम मुझे, शायद भूल गए थे।। आज फिर से… Read More
मिले जितने भी अब तक, मोहब्बत करने के लिए। मोहब्बत कम थी उन्हें, नजर बस पैसे पर थी। आज कल यही माहौल, जमाने में चल रहा। इसलिए अब मोहब्बत का, अहसास दिलो में नहीं बचा।। समझ पाये ही नही, किसी… Read More
साहब ने एसी रूम में बैठ नो आब्जेक्शन लिख दिया चंद मिनटों में ही लकड़हारों ने मेरा वजूद मिटा दिया। दशकों तक हवा-पानी पाकर बड़ी हुई थी टहनियां। मेरे बड़े पत्ते तपती धूप में राहगीरों को देते थे छाया। बारिश… Read More
माता सरस्वती की महिमा अपरम्पार रे, तु तो श्वेत हंस पे करती सदा सवार रे, जिस पर तेरी कृपा दृष्टि बन जाती है, मूर्ख से मूर्ख भी बन जाता होशियार रे, कालिदास और तुलसी हुए कैसे विद्वान, तेरी कृपा दृष्टि… Read More
तुमने मुझे क्यों चुना, मोहब्बत करने के लिए। मुझमें तुम्हें क्या, अच्छा और सच्चा लगा। मैनें तो तुमसे कभी, निगाहें मिलाई ही नहीं। फिर भी तुमने अपना दिल, मेरे को क्यों दिया।। दिल के झरोखों से क्या तुम्हें कोई तरंग… Read More
कितनो के पुत्र आजकल, करते मां बाप की सेवा। सब कुछ उन पर लूटकर, खुद बन जाते है भिक्षुक।। और पुत्र इन सब का, कैसे अदा करते है कर्ज। भेज उन्हें बृद्धाश्रम में, फिर भी कहलाते पुत्र।। कलयुग की महिमा… Read More
निभा गये मोहब्बत हम वतन से कुछ इस तरह। छुड़ा दिये छक्के हमने दुश्मनों के जंग में। पड़ गया भारी उसे कायराना हमला ये। जब जवाब से पहले ही टेक दिए घुटने उसने। आओ मिलकर हम सब खाये एक कसम।… Read More
बनकर गौ माता के रक्षक, बचाये कसाईयों से इन्हें। लेकर एक गाय को गोद, उसे जीवन आप दे सकते हो। और जीव हत्या के इस, खेल को आप रोक सकते हो। और दुनियां में जीओ जीने दो को, पुनः जिंदा… Read More
मंदिर मस्जिद और, गुरुद्वारा में गये। श्रद्धा से सिर को, झुकाया वहां पर। और कि प्रार्थना, सामने उनके बैठकर। हे प्रभु सुन लो, अरज मेरी तुम। और दे दो वरदान, अमन चैन से रहने का। ताकि खुश रह सके, अब… Read More