धोखे से पाई सफलता क्या सच में सफलता है? चांद बुलंदी पे है फिर भी दाग़ तो दिखता है रोज़ उसे ही लिखा मैंने कश्मकशीं देखों. इश्क़ मेरा वो किसी ओ को ही समझता हैं इश्क़ को मैंने जवानी का… Read More

धोखे से पाई सफलता क्या सच में सफलता है? चांद बुलंदी पे है फिर भी दाग़ तो दिखता है रोज़ उसे ही लिखा मैंने कश्मकशीं देखों. इश्क़ मेरा वो किसी ओ को ही समझता हैं इश्क़ को मैंने जवानी का… Read More
तलवार से नहीं किसी भी वार से नहीं. ख़ामोश इश्क़ मिटता है हथियार से नहीं. मैंने ये तो नहीं कहा तुम इश्क़ मत करो. गर तुम करो इश्क़ तो अधिकार से नहीं. देखूं मैं ख़्वाब में तुम्हें मतलब तो… Read More
प्यार करना कोई बुरी बात नहीं है यार सच्चा प्यार में तो कोई जात नहीं है यार यहीं तो प्यार, मोहब्बत का अंतिम कयामत है प्यार से पहले कोई दिल खात नहीं है यार। प्यार, मोहब्बत कर लेकिन सीमा से… Read More
कह दो कोई उनसे कि, बाग़ में आना-जाना छोड़ दें कह दो कोई उनसे कि, फूलों से अदा चुराना छोड़ दें खुशबू बनके दफ़न है सीने में मेरी सासें जिनकी कहदो कोई उनसे कि, बालों में गज़रा लगाना छोड़ दें… Read More
टूटे मेरे दिल ने फिर, दुआ कर लिया तो हुई क्या ख़ता गर, प्यार कर लिया तो किसी हमनशी को, इश्क़-ए-असर में ख़ालिस-ए-मोहोब्बत, खुदा कर लिया तो तनहा तबाह कबसे, थी मेरी ज़िन्दगी क़फ़स क़ैद में कबसे, थी मेरी ज़िन्दगी… Read More
खड़ी आँगन में अगर, दीवार न होती ! यूं दिलों के बीच यारा, तक़रार न होती ! महकती इधर भी रिश्तों की खुशबुएँ, गर जुबां की तासीर में, कटार न होती ! न आतीं यूं ज़िंदगी के सफर में आफ़तें, अगर रहबरों के दिल में, दरार न होती ! यहाँ खिलते गुल भी महकता जहाँ भी, गर नीयत बागवां की, शर्मसार न होती ! न अखरता इतना खिज़ाओं का मौसम, अगर दिल में ख़ारों की, भरमार न होती ! न होता पैदा खामोशियों का सिलसिला, अगर नफ़रतों से दुनिया, बेज़ार न होती ! यारो बन जाता आदमी भी देवता अगर, ये दुनिया ख्वाहिशों का, शिकार न होती ! न होती ज़रूरत इधर मुखौटों की “मिश्र”, अगर आदमी की आत्मा, बीमार न होती +80
लोग दे जाते हैं मुझको तो मुफ्त में बस यूं ही किसी और से पूंछो कि गम की कीमत क्या है दे देता है जान भी अपनी मोहब्बत के नाम पर कभी पतंगे से पूंछो कि उसकी कीमत क्या है… Read More
मैं मोहब्बत करता हूँ नहीं, मोहब्बत हो जाती है लेकिन कोई निभाती नहीं,शरारत हो जाती है कभी श्याम दीवाना था, अभी अँचल दीवाना है दिलों के क़ैद में खून की तिजारत हो जाती है। अब तेरी यादों में मुझे नहीं … Read More
तक़दीर में केवल ख़ुशियाँ कब आती हैं सच्चे प्यार में परेशानियां सब आती हैं छुपा ना रहे जब राज़ कोई दरमियां मोहब्बत में गहराइयां तब आती हैं सोचा भूल गया तुझसे बिछड़ के लेकिन तेरे संग गुजारी शामें याद अब… Read More
बेबसी की आख़िरी रात कभी तो होगी रहमतों की बरसात कभी तो होगी जो खो गया था कभी राह-ए-सफ़र में उस राही से मुलाक़ात कभी तो होगी हो मुझ पर निगाह-ए-करम तेरी इबादत में ऐसी बात कभी तो होगी आऊंगा… Read More