ghazal dua kar liya to

टूटे मेरे दिल ने फिर, दुआ कर लिया तो
हुई क्या ख़ता गर, प्यार कर लिया तो
किसी हमनशी को, इश्क़-ए-असर में
ख़ालिस-ए-मोहोब्बत, खुदा कर लिया तो

तनहा तबाह कबसे, थी मेरी ज़िन्दगी
क़फ़स क़ैद में कबसे, थी मेरी ज़िन्दगी
किसी रहगुज़र के, नज़र-ए-करम से
बेज़ार ज़िन्दगी गर, आज़ाद कर लिया तो

आजिज़-ए-नज़र में, अश्क़ समंदर लिये
दिल-ए-अंजुमन में थी, धड़कन दो चार
बेजान सांसों में कोई, नई नज़्म भरकर
वीरान-ए-हयात गर, गुलज़ार कर लिया तो

बेबस लबों पर,इतरा के आरज़ू थी हसती
रुख़्सार-ए-आराईस पर, ख़्वाहिशें थी हसती
किसी हमनवा के, हमनफ़स बन कर
मुक़म्मल जहाँ गर, क़रार कर लिया तो

लूट गया कोई जब, चैन-ओ-सुकून दिल के
लुट गया कोई आखिर, इश्क़-ए-ज़ुनून में
चुरा कर मुख़्तसर मौज़, राम-ए-अज़ीज़ से
ख़्वार-ए-दिल गर, खुशहाल कर लिया तो

टूटे मेरे दिल ने फिर,दुआ कर लिया तो
हुई क्या ख़ता गर,प्यार कर लिया तो

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