प्यार करना कोई बुरी बात नहीं है यार
सच्चा प्यार में तो कोई जात नहीं है यार
यहीं तो प्यार, मोहब्बत का अंतिम कयामत है
प्यार से पहले कोई दिल खात नहीं है यार।
प्यार, मोहब्बत कर लेकिन सीमा से बहार नहीं
ज्यादा प्यार में तो बाप का भात नहीं है यार।
कभी प्यार में सब के दिल करते हैं अब न रहूं
वो प्यार का रंज है कोई पात नहीं है यार।
क्या प्यार है यार अपनों से नहीं परायों से
मेरी धड़कन है जो मेरा नात नहीं है यार।
सब के मां-बाप बच्चे की पहरा करते हैं
महबूब से मिलने कभी रात नहीं है यार।
कयामत -: आफत, खात -: खोदाई, भात -: चावल , रंज -: दुःख, नात -: नाता, रिश्तेदार. महबूब -: प्रिय