स्त्री सशक्तीकरण की गूंज आज हर गली, मुहल्ले, शहर में सुनने को मिलती है। साहित्य से लेकर सिनेमा तक इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। बड़े-बड़े मंच पर स्त्री विमर्श की चर्चा की जाती है। उनकी समस्याओं को अभिव्यक्ति दी… Read More
स्त्री सशक्तीकरण की गूंज आज हर गली, मुहल्ले, शहर में सुनने को मिलती है। साहित्य से लेकर सिनेमा तक इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। बड़े-बड़े मंच पर स्त्री विमर्श की चर्चा की जाती है। उनकी समस्याओं को अभिव्यक्ति दी… Read More
हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाकर, ज़िंदगी के साथ रोमांस करने वाले हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देव आनंद जी का आज जन्म दिवस (26 सितंबर, 1923 – 3 दिसम्बर 2011) है। इनका पूरा नाम धर्मदेव आनंद था। देव साहब… Read More
जैसा कि आप सभी को पता है कि इस वर्ष हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का 150वीं जयंती मनाई जाएगी। इस अवसर पर आप हमें गांधी जी से जुड़े लेख/संस्मरण/कविता/कहानी/यात्रा वृतांत आदि किसी भी विधा में अपनी रचना भेज सकते… Read More
दिन- गुरुवार दिनांक- 12.09.19 समय- : सुबह 10.30 बजे स्थान : प्रिंसिपल ऑफिस, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय +90
दिन : सोमवार, दिनांक : 09.09.19, समय : दोपहर 1.30 बजे स्थान : तुलसी सभागार, नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया (उ.प्र.) आज दिनांक 09.09.19 को देवरिया के नागरी प्रचारिणी सभा में अमृत पर्व नागरी सम्मान का आयोजन हुआ, जिसमें मुझे (आशुतोष… Read More
साहित्य के वाद (छायावाद, प्रगतिवाद) से परे के कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज 111वीं जन्म जयंती है। 23 सितम्बर 1908 सिमरिया में जन्में और साल 1974 की 24 अप्रैल को पंचतत्व में विलीन हो जाने वाली इस महान विभूति… Read More
स्त्री फँसायेगी तुम्हें जाल में फंसना मत यही सिखाया गया है नरक का द्वार जो है मेनका का काम ही है आप जैसे तपस्वियों का तप भंग करना आप बहक गये तो क्या इंसान ही तो हैं आखिरभोले भाले लोग….… Read More
अगर आपके अंदर प्रतिभा है। तो फिर आप जरूर ही सफल होंगे। फिर चाहे परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हो। वह आपको सफलता की उड़ान भरने से कभी नहीं रोक सकती। और आज की पोस्ट एक ऐसे ही इंसान… Read More
हिंदी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना और संस्कृति के संवाहक लेखकों और कवियों की परंपरा में ‘रामधारी सिंह दिनकर’ का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। आज इस महान विभूति का जन्मदिवस (23 सितंबर 1908- 24 अप्रैल 1974) है।… Read More
ढाई आखर का शब्द ‘प्रेम’ विश्व साहित्य में शायद सर्वाधिक चर्चित या कि विवादित रहता आया है। पुराख्यानों से लगायत अधुनातन साहित्य तक काव्य और कथा सर्जना के केन्द्रीय तत्व के रूप में प्रेम को व्यापक स्वीकृति एवं अभिव्यक्ति मिलना… Read More