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झारखंड के सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर कब्जा करने के लिए ‘स्प्रिंग थंडर’

छोटा नागपुर 54 करोड़ वर्ष पुराने , हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरे इस प्लेटियू को पूरी दुनिया लोहा, कॉपर, यूरेनियम जैसे मिनरल्स के लिए जानती है। जहाँ लगातार हो रहे खनन के लिए चाहिए जमीन, लेकिन जंगल, पहाड़, नदी… Read More

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लघु कथा : चीख

रेशमा, कुदसिया दोनों के लिए आज का दिन भी हमेशा जैसा ख़ुशगवार था। सूरज में सुर्ती थोड़ी कम थी इन दिनों। रेशमा की शादी की तैयारियाँ चल रही थी। इसी सिलसिले में रेशमा अपनी सहेली और बहन ज्यादा जैसी कुदसिया… Read More

मूवी रिव्यू : सीरी

पिछले 15 सालों में खेती से हुए नुकसान से लगभग 7300 किसान मजदूरों ने आत्महत्या कर ली। यह आँकड़ा कहने सुनने में छोटा लग सकता है किंतु सोचकर देखें कि जिन किसानों की बदौलत हम अनाज, फल, सब्जियां खाते हैं… Read More

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मूवी रिव्यू : मोगली

आदिवासियत को महसूस करना है तो इस फ़िल्म को देखिए… इस जंगल की निगाहों में देखी हर शुरुआत है मैंने । देखा हर अंजाम । कहाँ है मेरा नाम । एक दिन इंसान जंगल में आया और जंगल ने अपनी… Read More

पुस्तक समीक्षा : पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन

“आत्मा की अधूरी प्यास है” – पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन प्रत्येक भगवान और देवी का हिंदू धर्म में गहरा महत्व है जो प्राचीन शास्त्रों में परिलक्षित होता है।  हाल के दिनों में, हिंदुओं के लिए, देवी लक्ष्मी… Read More

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मूवी रिव्यू : थप्पड़

निर्देशक: अनुभव सिन्हा अभिनीत: तापसी पन्नू, दीया मिर्ज़ा, माया सरराव, गीतिका विद्या, रत्ना पाठक शाह, तन्वी आज़मी, नैला ग्रेवाल, पावेल गुलाटी, कुमुद मिश्रा, मानव कौल, अंकुर राथे, सुशील दहिया घर के  मुख्य द्वार से न्यूज पेपर और दूध की बोतलें… Read More

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कहानी : मसाज पार्लर

वरुण को अचानक एक रात 6-7 लड़कों ने घेर कर बुरी तरह चोटिल कर दिया था। उनके हाथों में तलवारें थीं जिनके वार से वरुण का हाथ लगभग अपनी बाँह से कट सा गया था। वरुण उस रात देर तक… Read More

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मूवी रिव्यू : शुभ मंगल ज्यादा सावधान

मूवी रिव्यू: समाज को आईना दिखाती फ़िल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान कास्ट: आयुष्मान खुराना, जितेंद्र कुमार, गजराज राव, नीना गुप्ता निर्देशक: हितेश केवले दो दोस्त हैं और वो वो हैं जिन्हें यह समाज एक्सेप्ट नहीं करता। और वो हैं समलैंगिक।… Read More

संस्मरण : आखरी मोक्ष-उज्जैन यात्रा

आज के ही दिन ठीक दो साल पहले भगवान महाकाल और सती के परम् भक्त राजा विक्रमादित्य की नगरी में अपुन मौजूद थे। दो साल पहले की इस घटना को यात्रा वृतांत या कहें संस्मरण का रूप देने का प्रथम… Read More

गीता में वर्णित कर्मयोग की वर्तमान में प्रासांगिकता

अति प्राचीन भारत की राष्ट्रीयता के मूल स्वरूप की सांस्कृतिकता को कोई भी आँधी आज तक हिला भी नहीं पाई है। इसीलिए शायद उर्दू कवि इकबाल कहते हैं। ‘कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी’ यही हमारी राष्ट्रीयता हमारी… Read More